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Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षकों को बड़ा झटका, अभी नहीं मिलेगी जुलाई की पेंशन और सैलरी

राज्य के विश्वविद्यालयों के अनुदान पर सरकार ने रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के अनुदान पर रोक लगाने संबंधी सूचना कुलपतियों को दे दी है। साथ ही कहा है कि शिक्षकों और कर्मचारियों के संबंधित डाटा पोर्टल पर अपलोड करने बाद ही अनुदान राशि जारी की जाएगी। इस कार्रवाई की सूचना विभाग द्वारा राज्यपाल व कुलाधिपति सचिवालय को भी दी गई है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 19 Aug 2024 07:00 PM (IST)
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बिहार के विश्वविद्यालयों के अनुदान पर सरकार ने लगाई रोक (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों के जुलाई के अनुदान पर सरकार ने रोक लगा दी है। यह कार्रवाई शिक्षा विभाग ने की है, क्योंकि 20 जून को ही कुलपतियों को आदेश दिया गया था कि संबंधित विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पद और उसके विरुद्ध कार्यरतशिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन व पेंशन तथा अतिथि शिक्षकों से संबंधित डाटा पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

तब कुलपतियों ने भी डाटा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया था, लेकिन विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों और कर्मचारियों के डाटा अपलोड ही नहीं किया। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के अनुदान पर रोक लगाने संबंधी सूचना कुलपतियों को दे दी है।

साथ ही कहा है कि शिक्षकों और कर्मचारियों के संबंधित डाटा पोर्टल पर अपलोड करने बाद ही अनुदान राशि जारी की जाएगी। इस कार्रवाई की सूचना विभाग द्वारा राज्यपाल व कुलाधिपति सचिवालय को भी दी गई है। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई का असर यह होगा कि शिक्षकों और कर्मचारियों को जुलाई का वेतन, सेवानिवृत्त अध्यापकों तथा कर्मियों का पेंशन भुगतान नहीं हो पाएगा।

सोमवार को शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने अपने पत्र में कुलपतियों को 20 जून को विश्वविद्यालयों को दिए गए निर्देश की याद दिलाया है। इसमें कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालयों द्वारा डाटा अपलोड किए जाने का कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है।

पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन के अलावा पेंशन, पारिवारिक पेंशन एवं अतिथि शिक्षकों से संबंधित डाटा अपलोड करने की सुविधा दी जा चुकी है, इसलिए पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर आवश्यक डाटा अपलोड कराने की कार्रवाई अविलंब पूरी की जाए, ताकि जुलाई, 2024 के वेतनादि विमुक्ति की कार्रवाई की जा सके।

इस बीच सोमवार को शिक्षा विभाग ने मगध विश्वविद्यालय द्वारा पे रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड डाटा की स्थिति की समीक्षा की। इसमें पाया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा 61 प्रतिशत डाटा ही अपलोड किया गया है। इस स्थिति पर शिक्षा विभाग ने असंतोष जताया है।

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