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पढ़ें - पितृत्व अवकाश के लिए बिहार सरकार ने रखी ये बड़ी शर्त

पिता बनने वाले पुरुषकर्मी अपना पितृत्व अवकाश पत्नी के प्रसव से 15 दिनों पूर्व या फिर प्रसव के छह माह बाद तक ले सकते हैं। अगर वे इस अवधि में यह अवकाश नहीं लेते हैं तो उनके 15 दिनों का पितृत्व अवकाश व्यय (लैप्स) माना जाएगा।

By Amit AlokEdited By: Sun, 06 Dec 2015 12:04 PM (IST)
पढ़ें - पितृत्व अवकाश के लिए बिहार सरकार ने रखी ये बड़ी शर्त

पटना। पिता बनने वाले बिहार सरकार के पुरुष कर्मियों को पत्नी के प्रसवकाल से 15 दिनों पहले मिलने वाले पितृत्व अवकाश को लेकर राज्य सरकार ने अपना नया स्पष्टीकरण जारी किया है।

इस स्पष्टीकरण में कहा गया है कि पिता बनने वाले पुरुषकर्मी अपना पितृत्व अवकाश पत्नी के प्रसव से 15 दिनों पूर्व या फिर प्रसव के छह माह बाद तक ले सकते हैं। अगर वे इस अवधि में यह अवकाश नहीं लेते हैं तो उनके 15 दिनों का पितृत्व अवकाश व्यय (लैप्स) माना जाएगा।

वित्त विभाग द्वारा जारी इस स्पष्टीकरण में मातृत्व व पितृत्व अवकाश को लेकर सरकार ने कई तरह के नया स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें बताया गया है कि किसी भी राज्यकर्मी, पुरुष हो या महिला, उन्हें पूरे सेवाकाल में केवल दो ही संतानों के लिए यह अवकाश देय होगा।

अगर किसी पुरुष या महिलाकर्मी को सरकारी सेवा में आने से पहले ही दो जीवित संतान हो चुके हैं तो उन्हें इस अवकाश का सवैतनिक लाभ नहीं दिया जाएगा। तीसरे संतान के लिए उन्हें इसके लिए अर्जित अवकाश दिया जा सकता है।

इस स्पष्टीकरण में कहा गया है कि मातृत्व अवकाश की कालावधि उसके प्रारंभ होने की तिथि से साढ़े चार माह तक या प्रसव तिथि के छह सप्ताह तक, जो भी पहले हो, बढ़ाई जा सकती है।

दो से कम जीवित संतान वाली महिला सरकारी सेवक छुट्टी प्रारंभ की तिथि से 135 दिनों की अवधि के लिए प्रसव अवकाश पर जा सकेंगी। परंतु यह वैसी महिला सरकारी सेवक के संबंध में भी लागू होगा जो पहले ही प्रसव अवकाश पर जा चुकी है या उनका प्रसव अवकाश समाप्त नहीं हुआ है।

बता दें कि वित्त ने विगत 19 जनवरी, 2015 को महिला कर्मियों के लिए मातृत्व अवकाश 135 से बढ़ाकर 180 दिनों का कर दिया है। इसके अलावा अवयस्क संतान वाली महिला कर्मियों को उसकी संपूर्ण सेवावधि में केवल दो संतानों के लिए उनकी परीक्षा या बीमारी की स्थिति में उनके पालन-पोषण के लिए दो वर्ष (यानी 730 दिन) के लिए शिशु देखभाल अवकाश का भी प्रावधान किया गया है।

लेकिन इस इस अवकाश अवधि के वेतन में उन्हें केवल मूल वेतन, ग्रेड पे, महंगाई भत्ता एवं मकान किराया ही देय होगा। परिवहन भत्ता या नियत यात्रा भत्ता का उन्हें भुगतान नहीं किया जाएगा।

स्वीकृत अवकाश के उपभोग के क्रम में स्थानांतरण हो जाने पर सरकारी सेवक को नए स्थान पर योगदान या कार्यभार ग्रहण करने से पहले तक अवकाश अवधि के वेतन का भुगतान पूर्व स्थापना से ही किया जाएगा।