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बिहार में भ्रष्टाचार पर नकेल के लिए सरकार ला रही नया कानून, क्राइम एंड कंट्रोल एक्ट में भी होगा संशोधन

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर सख्त कार्रवाई करने के लिए लाए जाने वाले कानून के प्रारूप को स्वीकृति दी गई। आज की बैठक में कुल पांच प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बनाया गया कानून पहले के कानून की अपेक्षाकृत और सख्त होगा।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 27 Feb 2024 09:55 PM (IST)
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भ्रष्टाचार पर नकेल के लिए सरकार ला रही नया कानून, क्राइम एंड कंट्रोल एक्ट में भी होगा संशोधन
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की सख्ती और बढ़ेगी। राज्य के सरकारी महकमों में होने वाली गड़बड़ी के अलावा माफिया तत्वों से निपटने के लिए सरकार नया कानून लाने की तैयारी में है। नया कानून प्रभावी होने के बाद भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रख कर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर सख्त कार्रवाई करने के लिए लाए जाने वाले कानून के प्रारूप को स्वीकृति दी गई। आज की बैठक में कुल पांच प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद आहूत मंत्रिमंडल की बैठक में गृह विभाग ने विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार के साथ ही राज्य की योजनाओं में माफिया तत्वों के स्तर पर होने वाली घटनाओं पर नकेल कसने के लिए नए कानून का प्रारूप सौंपा।

क्राइम एंड कंट्रोल एक्ट में होगा संशोधन

सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बनाया गया कानून पहले के कानून की अपेक्षाकृत और सख्त होगा। इसमें किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को गंभीर श्रेणी के अपराध में रखकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अपराध की सजा पांच से सात साल निर्धारित करने के प्रविधान नए कानून में किए जा रहे हैं। इससे पहले रिश्वत खोरी के अपराध में रिश्वत लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई के प्रविधान थे। इस कानून को प्रभावी बनाने के लिए सीसीए (क्राइम एंड कंट्रोल एक्ट) में संशोधन किया जाएगा।

राज्य में पहले से भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तीन-तीन एजेंसियां राज्य में कार्यरत हैं। इनमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई है। इन तीनों एजेंसियों के पास पूर्व से काफी शक्तियां हैं। सूत्र बताते हैं कि इन जांच एजेंसियों की शक्तियां और बढ़ाई जा सकती है साथ ही नई जांच एजेंसी की परिकल्पना भी नए कानून में प्रस्तावित है। जानकारी के अनुसार विधानसभा के चालू सत्र में गृह विभाग के प्रस्तावित नए कानून का मसौदा पेश किया जाएगा और इसे ध्वनित मत से पारित कराने की पहल सरकार की होगी।

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