सरकारी जमीन में गड़बड़ी की नहीं गुंजाइश; बिहार के जिलों को मिला अल्टीमेटम, 20 तक वेबसाइट पर दर्ज करें ब्यौरा
Patna News अब सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़ करने की गुंजाइश नहीं है। दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिलों को अल्टीमेटम दिया है। 20 अक्टूबर तक वेबसाइट पर सरकारी जमीन का ब्यौरा दर्ज करने के लिए कहा गया है। 10 अक्टूबर तक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीन का विवरण जुटा लेने का निर्देश है।
By Arun AsheshEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 07 Oct 2023 11:53 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी जमीन में गड़बड़ी की शिकायतों को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। विभागीय सचिव जय सिंह ने जिलों को पत्र लिख कर कहा है कि 20 अक्टूबर तक वेबसाइट पर दर्ज करें कि आपके जिले में सरकारी जमीन का कितना रकबा है।
जिलाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे यह घोषणा भी करें कि उनके जिले की सभी सरकारी जमीन का विवरण बेवसाइट पर दर्ज है और जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है।
विभाग ने क्यों दिखाई सख्ती?
विभाग की यह सख्ती इस वजह से है कि बार-बार कहे जाने के बावजूद जिलों से यह जानकारी नहीं मिल रही है कि उस जिले में कितनी सरकारी जमीन है और वह किस किस श्रेणी की है।जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने जिले में 10 अक्टूबर तक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीन का विवरण जुटा लें। सिर्फ रकबा ही नहीं, सभी सर्वेक्षण खतियानों के अनुसार उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में भी जिलों को बताना है।
इस सॉफ्टवेयर पर भी दर्ज होगा जमीन का विवरण
जमीन का विवरण ई जमाबंदी सॉफ्टवेयर पर भी दर्ज होगा। राजस्व कर्मचारी, राजस्व अधिकारी और अंचलाधिकारी जमाबंदी सॉफ्टवेयर में इसकी इंट्री करेंगे। सरकारी जमीन की जानकारी नहीं रहने के कारण राज्य या केंद्र संचालित योजनाओं के कार्यान्वयन में परेशानी होती है।कभी-कभी अपनी जमीन की उपलब्धता के बावजूद सरकार ऊंची कीमत देकर जमीन अधिग्रहित करती है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना का निर्माण भी इससे प्रभावित हो रहा है।
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