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30 जून और 31 दिसंबर को हुए रिटायर तो कर्मचारियों की होगी चांदी, बिहार सरकार ने कर दिया बड़ा एलान; पढ़ें क्या होगा फायदा

बिहार के सरकारी कर्मचारियों की अब चांदी हो गई है। बिहार सरकार ने 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब इन कर्मचारियों को नोशनल वेतन-वृद्धि के आधार पर सेवानिवृत्ति लाभों की गणना की जाएगी। इससे उन्हें क्रमशः एक जुलाई और एक जनवरी को होने वाली वेतन-वृद्धि का लाभ मिलेगा।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 09 Sep 2024 11:30 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। वित्त विभाग ने 30 जून व 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी सेवकोंं के सेवानिवृत्ति लाभ की गणना में आ रही है समस्याओं का समाधान कर दिया गया है।

वित्त विभाग के सचिव की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सरकारी कर्मियों के सेवानिवृत्ति लाभों की गणना नोशनल वेतन-वृद्धि के आधार पर की जाएगी। दरअसल, नोशनल वेतन-वृद्धि वैचारिक व्यवस्था है।

इसका कोई निर्धारित फार्मूला नहीं है। सामान्यत: सरकारी सेवकोंं की वेतन-वृद्धि एक जुलाई और एक जनवरी से प्रभावी होती है। ऐसी स्थिति में 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्ति होने पर लाभों की गणना में परेशानी आती है।

इसी को देखते हुए वित्त विभाग ने ऐसे सरकारी सेवकों को नोशनल वेतन-वृद्धि देने का निर्णय लिया है। इससे वे क्रमश एक जुलाई और एक जनवरी को होने वाली वेतन-वृद्धि के हकदार हो जाएंगे।

पिछले कुछ दिनों से कई विभागों से इन दो तिथियों (30 जून और 31 दिसंबर को) को सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी सेवकों के सेवानिवृत्ति लाभ को लेकर वित्त विभाग से दिशा-निर्देश मांगा जा रहा था। इसको लेकर मामला न्यायालय तक पहुंचता रहा है। अब भविष्य में इस तरह की कोई समस्या नहीं होगी।

सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य रोकने गए सीओ से झड़प

थावे (गोपालगंज) थाना क्षेत्र के लछवार गांव में सरकारी जमीन (जलखर) पर हो रहे निर्माण कार्य को रोकने गए अंचलाधिकारी (सीओ) से रविवार की सुबह एक परिवार से झड़प हो गई। हाथापाई की नौबत आने पर सीओ ने थावे थाना और डायल 112 को सूचना दी। काफी संख्या में पुलिस बल ने पहुंचकर हो रहे निर्माण कार्य को रोका।

पुलिस निर्माण कार्य स्थल से कुछ सामग्री भी जब्त कर थाने ले आई है। बताया जाता है कि लछवार गांव के विश्वकर्मा शर्मा ने पिछले माह 27 अगस्त को रास्ते विवाद को लेकर सीओ को आवेदन दिया था। इसमें कहा था कि गांव की सरकारी जमीन (जलखर) को मिट्टी से भरकर बहुत से लोगों ने अपना आवासीय घर बना लिया है।

फूलचंद मांझी के परिवार की ओर से करकटनुमा आवासीय घर बनाया जा रहा था। आवेदन के आधार पर शनिवार को अंचल कर्मचारी की ओर से कार्य को बंद करने को कहा गया था। रविवार की सुबह निर्माण कार्य शुरू होने की जानकारी मिलने पर प्रभारी सीओ रवि भूषण गौरव निर्माण कार्य स्थल पर पहुंचे।

उन्होंने देखा कि कार्य चल रहा है। कार्य को रोकने की कोशिश करने पर फूलचंद मांझी के परिवार से झड़प हो गई। हाथापाई की नौबत आ गई। आवेदन करने वाले विश्वकर्मा शर्मा का भी आवास सरकारी जमीन पर बना हुआ है।

सूचना मिलने पर थाने के अपर थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार, एसआइ पवन कुमार एवं 112 पुलिस टीम ने पहुंचकर निर्माण कार्य पर रोका लगा दी। निर्माण स्थल से कुदाल और कराही सहित अन्य सामान को जब्त कर पुलिस ने थाने आई।

फूलचंद मांझी के परिवार ने सीओ पर पैसा लेकर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। पुलिस के पहुंचने के बाद स्थिति नियंत्रण में है।

सीओ ने थाने में दिया आवेदन

प्रभारी सीओ रवि भूषण गौरव ने कहा कि आवेदक के आवेदन पर कार्य रोकने गया था। घर वालों से झड़प हुई है, लेकिन हाथापाई की बातें बेबुनियाद है।

झड़प की बात को लेकर तीन लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी करने के लिए आवेदन दिया है। थानाध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया की सीओ की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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