बिहार में Coronavirus के बीच सरकार ने की AES पर भी हमले की जोरदार तैयारी, दिए कई निर्देश
देशभर में फैली कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच बिहार सरकार ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के खिलाफ लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है।
By Rajesh ThakurEdited By: Updated: Thu, 02 Apr 2020 11:08 PM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। देशभर में फैली कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच सरकार ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के खिलाफ लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। एइएस (AES) प्रभावित मुजफ्फरपुर में तीन नवजात एइएस रोगी मिलने के बाद सरकार ने यहां बनाए जा रहे पीकू और विशेष वार्ड का कार्य हर हाल में 30 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
पिछले वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के निर्देश पर मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड का पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) और एईएस के मरीज के परिजनों के लिए धर्मशाला बनाने का काम शुरू हुआ था। इस योजना पर करीब 65 करोड़ की लागत आएगी।मुजफ्फरपुर में यह कार्य अपनी निर्धारित गति से चल रहा था। इसी बीच कोरोना महामारी के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हो गया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की मानें तो बुधवार तक मुजफ्फरपुर में एइएस के तीन मरीज मिले हैं, जिनमें से ढाई साल की एक बच्ची का निधन भी हो गया। प्रधान सचिव ने बताया कि अमूमन एइएस का प्रकोप मुजफ्फरपुर में अप्रैल के अंत से लेकर जून महीने तक देखा जाता है। कल तीन रोगी मिलने के बाद सरकार ने निर्देश दिए हैं कि एसकेएमसीएच में बनाए जा रहे पीकू वार्ड का निर्माण कार्य हर हाल में 30 अप्रैल तक समाप्त कर लिया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने इस अस्पताल में 60 बेड के का विशेष वार्ड बनाने का निर्देश भी दिया है। पीकू वार्ड में इलाज के बाद दुरुस्त होने वाले बच्चे इस वार्ड में रखे जाएंगे। संजय कुमार ने कहा कि फिलहाल एइएस पर नजर रखी जा रही है और इस बीमारी पर काबू के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस और क्या जैसी संस्थाओं से भी करार किया है जो इस बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए कार्य कर रही हैं।
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