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खुसरूपुर में महिला से दुर्व्यवहार मामले में राज्यपाल ने लिया संज्ञान, पीड़ि‍ता को मुआवजा देने का दिया निर्देश

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पटना जिले के खुसरूपुर में एक दलित महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना को संज्ञान लिया है। राज्यपाल ने बुधवार को राजभवन में पुलिस महानिदेशक आरएस भट्ठी और विकास आयुक्त विवेक कुमार को बुलाकर खुसरूपुर में एक महिला के घटी घटना और अभियुक्तों के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी ली। राज्यपाल ने पीड़ि‍त महिला को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया।

By Dina Nath SahaniEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 27 Sep 2023 11:52 PM (IST)
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खुसरूपुर में महिला से दुर्व्यवहार मामले में राज्यपाल ने लिया संज्ञान, पीड़ि‍ता को मुआवजा देने का दिया निर्देश
Patna News: राज्य ब्यूरो, पटना : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पटना जिले के खुसरूपुर में एक दलित महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना को संज्ञान लिया है।

राज्यपाल ने बुधवार को राजभवन में पुलिस महानिदेशक आरएस भट्ठी और विकास आयुक्त विवेक कुमार को बुलाकर खुसरूपुर में एक महिला के घटी घटना और अभियुक्तों के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी ली। राज्यपाल ने पीड़ि‍त महिला को उचित मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

बता दें कि खुशरूपुर के एक गांव में कर्ज के ब्याज नहीं चुकाने पर महिला को निर्वस्त्र कर उसकी पिटाई की गई थी। इतना ही नहीं, आरोपित प्रमोद सिंह ने अपने पुत्र से पीड़ि‍त महिला को मूत्र पिलाने का प्रयास किया था।

हालांकि, अभी पुलिस की जांच में महिला को निर्वस्‍त्र करने और उसपर पेशाब करने के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, घटना के मुख्‍य आरोपी को पुलिस मंगलवार को गिरफ्तार कर चुकी है।

इस घटना को राष्ट्रीय मावनाधिर आयोग ने भी संज्ञान में लेकर बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह में पूरी जांच रिपोर्ट और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

नियुक्तियों में गड़बड़ी को लेकर राज्यपाल से मिले नेता प्रतिपक्ष

भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा एवं विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता हरि सहनी ने गुरुवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को ज्ञापन सौंपा।

दोनों नेताओं ने राज्यपाल से विधानसभा सचिवालय में हो रही नियुक्तियों में अनियमितता रोकने के लिए हस्तक्षेप का का अनुरोध किया। 

विजय सिन्हा ने ज्ञापन में बताया है कि कैसे एजेंसी के कहने पर सुविधानुसार निविदा शर्तों में बदलाव किया गया। सुरक्षित जमा राशि को कम किया गया। यही नहीं, एजेंसी को एकमुश्त राशि देने का प्रविधान किया गया।

ज्ञापन में वर्ष 2000-2005 की अवधि में नियुक्ति में तत्कालीन अध्यक्ष एवं सचिव व अन्य कर्मियों पर निगरानी ब्यूरो द्वारा चार्जशीट का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि विधानसभा में बहाली पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और भाई- भतीजावाद रहित होना चाहिए।

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