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Bihar Teachers: शिक्षा विभाग और राजभवन में रार, शिक्षकों का हाल बेहाल; 10 महीने से बिना वेतन सेवा देने को मजबूर गेस्ट टीचर

बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पदस्थापित अतिथि शिक्षकों को बीते 10 महीने से वेतन भुगतान नहीं किया गया है। अतिथि शिक्षक अविलंब भुगतान की मांग को लेकर विभागीय मंत्री से गुहार लगा रहे है। पटना विश्वविद्यालय व तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय दो दिन पहले ही फरवरी 2024 तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है लेकिन अन्य पारंपरिक विवि ने अब तक वेतन भुगतान नहीं किया है।

By Nalini Ranjan Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 14 Mar 2024 11:53 PM (IST)
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10 महीने से अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं, होली का रंग होगी फीकी

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों व उनके कालेजों में पदस्थापित अतिथि शिक्षकों को बीते नौ- 10 महीने से भुगतान नहीं हुआ है। जबकि इसी महीने होली होने से उनका त्योहार फीकी होगी। अविलंब भुगतान की मांग को लेकर सभी विभागीय मंत्री व शिक्षा विभाग से गुहार लगा रहे है।

पटना विश्वविद्यालय व तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय दो दिन पहले ही फरवरी 2024 तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है, लेकिन अन्य पारंपरिक विवि ने अब तक वेतन भुगतान नहीं किया है। पाटलिपुत्र विवि ने भी 10 माह से भुगतान नहीं किया है।

सरकार के निर्देश के आलोक में अधिकांश विवि ने दीपावली के दौरान दो माह के वेतन भुगतान किया था। इसके बाद सभी का भुगतान लंबित है। दरअसल, अतिथि शिक्षकों को मार्च 2023 से ही भुगतान सरकार से नहीं मिला है।

अब उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. रेखा कुमारी ने सभी विवि के कुलसचिव को पत्र लिखकर विवि को उनके पास उपलब्ध आंतरिक श्रोत की राशि से बकाया मानदेय भुगतान करने का को कहा है।

राज्यपाल के बयान के बाद और फंसेगा मामला

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में आयोजित सीनेट की बैठक के दौरान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अतिथि शिक्षकों का वेतन शिक्षा विभाग को भुगतान करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय के आंतरिक स्त्रोत की राशि उसके विकास के लिए होता है।

शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में बार-बार विवि में उपलब्ध जिस राशि की चर्चा की है। वह राशि विवि की अपनी सुविधा के लिए है।

उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है कि इस राशि पर कॉलेज और विवि का अधिकार है। ऐसे में अब अतिथि शिक्षकों के भुगतान का मामला लटकता नजर आ रहा है।

एलएनएमयू अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डा. बच्चा कुमार रजक ने कहा कि भुगतान का आश्वास मिला है। होली नजदीक आने से सभी अतिथि प्राध्यापकों की परेशानी बढ़ गयी है।

13 विश्वविद्यालयों के खातों में उपलब्ध राशि

1.पटना विवि: एक अरब 81 करोड़ 32 लाख 47 हजार 461 रुपये

2.पाटिलपुत्र विवि: एक अरब 48 करोड़ 51 लाख 65 हजार 89 रुपये

3.मौलाना मजहरूल हक विवि : 40 करोड़ 22 लाख 28 हजार 260 रुपये

4.मगध विवि: तीन अरब, 45 करोड़ 28 लाख 81 हजार 197 रुपये

5.एलएनएमयू: दो अरब 70 करोड़ 96 हजार 22 हजार रुपये

6.बीएन मंडल विवि: दो अरब 28 करोड़, 66 लाख 61 हजार 97 रुपये

7.बीआरएबीयू: एक अरब 47 करोड़ 57 लाख 26 हजार रुपये

8.वीर कुंवर सिंह विवि: एक अरब 60 करोड़ 58 लाख 50 हजार 705 रुपये

9.जेपी विवि: 67 करोड़ 99 लाख 16 हजार रुपये

10.पूर्णिया विवि: 44 करोड़ 98 लाख पांच हजार रुपये

11.मुंगेर विवि: 24 करोड़ 73 लाख 61 हजार रुपये

12.टीएमबीयू: 96 करोड़ 70 लाख एक हजार 572 रुपये

13.केएसडीएस (संस्कृत विवि): छह करोड़ 97 लाख छह हजार 298 रुपये

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