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नेपाल में भारी बारिश से उफनाईं बिहार की नदियां, गांवों में घुसा पानी; बाढ़ का अलर्ट जारी

नेपाल और उत्तर बिहार मे हो रही बारिश के कारण कोसी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में बाढ़ को लेकर लोग भयभीत हैं।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Thu, 23 Jun 2016 04:24 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। नेपाल के तराई व उत्तर बिहार में हो रही मानसूनी बारिश के कारण बिहार में बाढ़ के हालात बन गए हैं। कोसी और इसकी सहायक नदियां विकराल रूप धारण करने लगी हैं। उधर, गंडक के जलस्तर में भी वृद्धि के बाद कटाव शुरू हो गया है। नदियों के तटबंधों पर कई स्थानों पर दबाव उत्पन्न हो गया है।

कोसी क्षेत्र में घुसा बाढ़ का पानी

जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते बुधवार को कोसी क्षेत्र के सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनंगज और खगडिय़ा के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। विभिन्न स्थानों पर बने चचरी पुल बह गए हैं। तटबंध के विभिन्न स्परों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। कोसी के गाइड बांध पर भी पानी का दवाब बढऩे लगा है। इस कारण यहां भी लगातार निगरानी की जा रही है।

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15 जून से बाढ़ का संभावित समय माना जाता है। लेकिन, उसके एक सप्ताह बाद भी प्रशासनिक स्तर से नावों की व्यवस्था नहीं की गई है। गांवों में दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। सरकारी स्तर पर नावों की व्यवस्था न होने से आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।

कोसी के अलावा किशनगंज में कनकई व रेतुआ और अररिया में बकरा व नूना नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।

गंडक की धारा मुड़ी, फसलें डूबीं

उधर, गंडक के जलस्तर में वृद्धि के बाद कटाव शुरू हो गया है। दियारावर्ती क्षेत्र में मंगलवार की रात नदी की धारा में करीब 10 एकड़ धान व गन्ने की फसल विलीन हो गई। सेमरबारी के प्वाइंट नंबर 23/40 पर नदी का दबाव कम होने के बाद भी अभियंताओं की टीम कैंप कर रही है।

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सूबे में अलर्ट घोषित

जल संसाधन विभाग ने बढ़ते जलस्तर और तटबंधों पर दबाव के कारण सूबे में अलर्ट घोषित कर दिया है। साथ ही इंजीनियरों से तटबंधों की चौकसी करने और दिन-रात पेट्रोलिंग करने को कहा गया है। तटबंधों पर किसी तरह के अतिरिक्त दबाव और क्षति होने की स्थिति में उनकी युद्धस्तर पर मरम्मत करने और तत्काल मुख्यालय को सूचित करने को कहा गया है।

पटना में मानिटरिंग सेल

नदियों पर नजर रखने के लिए राच्य सरकार ने मुख्यालय में मॉनिटरिंग सेल बनाया है। यह सेल पूरे बाढ़ अवधि में नदियों के जलस्तर के साथ-साथ उसके तटबंधों पर नजर रखेगा। जल संसाधन विभाग में इसके लिए एक विशेष सेल बनाया गया है। यह सेल 31 अक्टूबर तक काम करेगा।

इस दौरान राज्य की तमाम नदियों और तटबंधों की निगरानी होगी। सेल 24 घंटे तीन पालियों में काम करेगा। इसमें तीन दल होंगे जो आठ-आठ घंटे के शिफ्ट में वहां तैनात होंगे। इसकी कमान कार्यपालक अभियंता स्तर के अधिकारी के पास होगी।

मुख्यमंत्री का निर्देश, 15 दिनों में करें पूरी तैयारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने जिलाधिकारियों से अबतक के हालात की जानकारी ली और 15 दिनों में पूरी तरह तैयारी कर लेने का निर्देश दिया।

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