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कुर्सी की पेटी बांध लीजिए! बदलने वाला है रेल यात्रा का अनुभव, 4 राज्यों से गुजरेगा हाई स्पीड कॉरिडोर; पढ़ें पूरी डिटेल

High Speed Rail Corridor in Bihar देश में हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का जाल बिछाना प्रधानमंत्री मोदी की महात्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक हैं। राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉरपाेरेशन लिमिटेड ने वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर काम करना शुरू कर दिया है। यह हाई स्पीड रेल कॉरिडोर लगभग 800 किलोमीटर लंबा है जो उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल के 18 जिलों से गुजरेगा।

By Vyas Chandra Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 22 Aug 2024 12:54 PM (IST)
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पूरी तरह बदलने वाला है रेल यात्रा का अनुभव। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, पटना। वाराणसी से हावड़ा वाया पटना 320 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हाई स्पीड ट्रेन चलेगी।

राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉरपाेरेशन लिमिटेड (नई दिल्ली) के संयुक्त महाप्रबंधक ने बुधवार को पटना कलेक्ट्रेट में वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल (VPH HSR) कॉरिडोर से जुड़े तथ्यों व आयामों को रखने के क्रम में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल (HSR) कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉरपाेरेशन लिमिटेड को सौंपी है।

4 राज्यों से होकर गुजरेगा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर

संयुक्त महाप्रबंधक ने बताया कि VPHHSR का हाई स्पीड रेल कॉरिडोर लगभग 799.293 किलोमीटर लंबा है। यह चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल के 18 जिलों से गुजरेगी।

बिहार के पांच जिलों होकर गुजरेगी

इसमें प्रस्तावित स्टेशनों की संख्या 13 है। यह बिहार के पांच जिलों बक्सर, भोजपुर, पटना, जहानाबाद और गया से गुजरेगी। पटना जिले के पांच अंचलों, दानापुर, फुलवारीशरीफ, संपतचक, मसौढ़ी एवं बिक्रम में इसका प्रसार होगा।

एजेंसी को उपलब्ध कराई जाएंगी सभी सुविधाएं 

डीएम ने कहा कि यह जनहित की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके लिए क्रियान्वयन एजेंसी को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। संबंधित एसडीओ, अपर समाहर्ता, जिला भूअर्जन पदाधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया गया है।

पटना में होगा एचएसआर स्टेशन

पीपीटी प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि पटना में पटना एचएसआर स्टेशन होगा। इस परियोजना के लिए पटना जिला में कुल 135.06 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यहां कॉरिडोर की लंबाई करीब 61 किलोमीटर होगी। इसके दायरे में 58 गांव आएंगे।

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डीडीसी तनय सुलतानिया, सभी अपर जिला दंडाधिकारी, जिलास्तरीय पदाधिकारी, कर्मी तथा अन्य की मौजूदगी में पर्यावरण और सामाजिक सुझाव के लिए आयोजित इस जिलास्तरीय सार्वजनिक जन परामर्श में परियोजना का विवरण दिया गया।

मुख्य विशेषताएंं, संरेखण, सर्वेक्षण, सामाजिक प्रभाव का अध्ययन, पर्यावरण प्रभाव आकलन, कार्य प्रणाली सहित विभिन्न बिंदुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

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