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'1.25 लाख नियुक्ति में कितने नए लोगों को मिली नौकरी?', नीतीश सरकार के दावों पर प्रशांत किशोर ने उठाया बड़ा सवाल

प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो नवंबर को नवनियुक्त शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपने वाले हैं। इनमें बिहार के नए युवाओं में मुश्किल से 20-25 हजार नए युवाओं को ही नौकरी मिली है। उन्होंने दावा किया कि इस नियुक्ति के माध्यम से पहले से सिर्फ नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने का काम हो रहा है।

By Mohit TripathiEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 02 Nov 2023 01:07 AM (IST)
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प्रशांत किशोर ने शिक्षक नियुक्ति पर बिहार सरकार के दावों पर उठाया सवाल। (फाइल फोटो)
संवाद सहयोगी, हरलाखी (मधुबनी)। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शिक्षक नियुक्ति पर सवाल उठाया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो नवंबर को नवनियुक्त शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपने वाले हैं। इनमें बिहार के नए युवाओं में मुश्किल से 20-25 हजार नए युवाओं को ही नौकरी मिली है।

उन्होंने दावा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बिहार सरकार तीन करोड़ 41 लाख रुपए खर्च कर रही है। हालांकि इस नियुक्ति की बड़ी बात यह है कि इस भर्ती में कोई नई नियुक्ति नहीं की जा रही है। इस नियुक्ति के माध्यम से पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने का काम हो रहा है।

बुधवार को पदयात्रा के दौरान हरलाखी प्रखंड में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से सवाल पूछा जाना चाहिए कि बिहार में 1 लाख 25 हजार लोगों में कितने नए लोगों को नौकरी मिली? उन नए लोगों में बिहार के कितने लोग हैं?

उन्होंने दावा किया कि पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए कुछ लोगों को अपग्रेड किया जा रहा है। 1 लाख 25 हजार लोगों में बिहार के कितने नए अभ्यर्थियों को रोजगार दिया जा रहा है। यह सूची सरकार को जारी करनी चाहिए। जो कुछ नए लोग इसमें आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर बिहार के बाहर के हैं।

नियुक्ति की गड़बड़ियों पर पर्दा डालने के लिए मेगा इवेंट: सुशील मोदी

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षकों के एक लाख 70 हजार पद रहते हुए राज्य सरकार बमुश्किल 30 हजार बिहारी युवाओं को नई नियुक्ति देने जा रही है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक नियुक्ति में जितनी गड़बड़ियां हुई हैं, उन सब पर पर्दा डालने के लिए गांधी मैदान में मेगा इवेंट आयोजित किया जा रहा है। यह बिहार के युवाओं के साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए नौ से 12 कक्षा के लिए आवेदन ही अपेक्षा से 40 हजार कम आए। फिर मात्र 1.22 लाख अभ्यर्थियों के पास होने से 48 हजार पद खाली रह गए। 10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार नहीं कर खाली रह जाने वाले पदों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंचा दी।

जिन अभ्यर्थियों ने नौकरी स्वीकार की, उनमें मुश्किल से 30 हजार ही बिहारी युवा हैं। अन्य राज्यों के लगभग 40 हजार युवा बिहार में शिक्षक बनेंगे। 37,500 वो नियोजित शिक्षक हैं, जो पहले से सरकारी सेवा में हैं उन्हें अब दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।

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