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KK Pathak के फरमान के बाद स्कूल से कट गया लाखों बच्चों का नाम, इस तरीके से दोबारा मिलेगा एडमिशन

Bihar News बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश के बाद कई जिलों के स्कूलों से लाखों बच्चों के नाम काट दिए गए हैं। हालांकि जिन विद्यार्थियों का नामांकन रद्द किया गया है। उन्हें दोबारा नाम दर्ज कराने का अवसर देने की व्यवस्था है। इसके लिए अभिभावक को नियमित स्कूल आने का शपथ पत्र जमा कराना होगा।

By Jai Shankar BihariEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 27 Oct 2023 09:30 AM (IST)
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KK Pathak के फरमान के बाद स्कूल से कट गया लाखों बच्चों का नाम
जागरण संवाददाता, पटना। bihar school admission cancel: राज्य के सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यिक स्कूलों से विद्यार्थियों के नामांकन रद्द होने का आंकड़ा दिन व दिन बढ़ता ही जा रहा है। पिछले दो सप्ताह में तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन रद्द किया जा चुका है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश के बाद स्कूलों का निरीक्षण लगातार जारी है। इस क्रम में स्कूल से लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले कक्षा एक से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के नाम भी काटे जा रहे हैं।

24 अक्टूबर तक निरीक्षण के दौरान पूरे राज्य से कक्षा एक से 12वीं तक के कुल 21 लाख 90 हजार 20 विद्यार्थियों के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं। इनमें कक्षा नौवीं से 12वीं तक के दो लाख 66 हजार 564 विद्यार्थी शामिल हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इन विद्यार्थियों के आगामी मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी है।

अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर स्कूलों के निरीक्षण की प्रक्रिया जुलाई से जारी है। सर्वाधिक 1,43,140 नामांकन पूर्वी चंपारण से रद्द किए गए हैं। वहीं न्यूनतम 13,237 नामांकन शेखपुरा जिले में रद्द हुए हैं।

एक से आठ तक विद्यार्थियों की संख्या अधिक

स्कूलों से कुल नामांकन रद्द होने वालों विद्यार्थियों की संख्या में कक्षा एक से आठ तक के अधिक विद्यार्थी हैं। जहां पूरे राज्य में 21 लाख 90 हजार 20 विद्यार्थियों का नामांकन अब तक रद्द किए गए हैं।

इसमें कक्षा एक से आठ तक में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 18 लाख 28 हजार 859 तथा कक्षा नौ से 12वीं तक के तीन लाख 61 हजार 161 विद्यार्थी शामिल हैं।

24 अक्टूबर को कुल एक लाख एक हजार 833 विद्यार्थियों के नाम विभिन्न स्कूलों से काटे गए हैं। इनमें कक्षा नौवीं से 12वीं तक में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 99 हजार 129 है। कक्षा एक से आठ तक में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी सिर्फ दो 704 हैं।

शपथ पत्र देकर दोबारा नामांकन का है प्रावधान

शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन विद्यार्थियों का नामांकन उपस्थिति कम होने के कारण रद्द किया गया है। उन्हें दोबारा नाम दर्ज कराने का अवसर देने की व्यवस्था है।

डीईओ अमित कुमार ने बताया कि यदि किसी बच्चे का नामांकन कम उपस्थिति के कारण रद्द कर दिया गया है तो अभिभावक नियमित स्कूल आने का शपथ पत्र जमा कराकर बच्चे का दोबारा नामांकन सुनिश्चित करा सकते हैं, लेकिन बच्चे के नियमित स्कूल नहीं आने की स्थिति में दोबारा नामांकन रद्द हो सकता है।

वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) लिबरेशन के विधायक संदीप सौरव ने कहा कि नाम काटने का विभाग का निर्णय तानाशाही का प्रतीक है। विभाग को छात्रों के करियर के साथ खेलने का कोई अधिकार नहीं है। सरकारी स्कूलों में अभी भी शिक्षक और कक्षाओं की भारी कमी है।

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