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बिहार में चरित्र प्रमाणपत्र बनवाना अब और आसान, थाने जाने की जरूरत नहीं; घर बैठे मिलेगी पूरी सेवा

Police Character Certificate in Bihar बिहार में पुलिस विभाग से चरित्र प्रमाणपत्र बनवाना कभी बेहद टेढ़ी खीर हुआ करता था। सरकार ने इसके लिए आनलाइन सेवा शुरू कर दी थी। अब इस सेवा को और अधिक उपयोगी एवं आसान बना दिया गया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 09:17 AM (IST)
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बिहार में चरित्र प्रमाणपत्र बनवाना हुआ और आसान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के लोगों को अब पुलिस विभाग से चरित्र प्रमाण पत्र के लिए लोगों को अब कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। आनलाइन आवेदन के बाद अब प्रमाण पत्र की प्राप्ति भी घर बैठे हो सकेगी। अब आवेदक को उनके मोबाइल और ई-मेल पर चरित्र प्रमाण पत्र की डिजिटल कापी मिल जाएगी। गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम, एसएसपी और एसपी को इस बाबत निर्देश जारी करने को कहा है। बिहार लोक सेवा के अधिकार के तहत 14 दिनों में चरित्र प्रमाण-पत्र की आनलाइन कापी मोबाइल व ई-मेल पर भेजनी है। 

घर बैठे मिलेगी डिजिटल कापी 

पहले चरित्र प्रमाण पत्र बनाने के लिए थानों का चक्कर लगाना पड़ता था। पिछले साल गृह विभाग ने चरित्र प्रमाण-पत्र बनाने के लिए  राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) की मदद से सर्विस प्लस पोर्टल बनाया जिसके बाद चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था शुरू की गई। अब आनलाइन आवेदन के साथ प्रमाण-पत्र बन जाने पर उसकी डिजिटल कापी भी घर बैठे मिल सकेगी।

सर्विस पोर्टल पर भरना है आनलाइन फार्म

इसके लिए आवेदकों को सर्विस प्लस पोर्टल पर जाकर आनलाइन फार्म भरना होता है। फार्म में ही नाम, पता आदि के साथ मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी की जानकारी देनी है। जिस मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी की जानकारी आवेदन में दी जाती है, उसी पर चरित्र प्रमाण-पत्र की डिजिटल कापी भेजी जाएगी।

देरी होने पर पदाधिकारी पर लगेगा अर्थदंड 

आनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए दो सप्ताह की समयसीमा तय की गई है। पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पत्र प्राप्ति के 14 कार्यदिवस के अंदर प्रमाण पत्र बनाने का प्रविधान है। ऐसा न करने पर संबंधित दोषी पदाधिकारी पर प्रतिदिन 250 रुपये के हिसाब से अर्थदंड लगाया जाएगा। एकमुश्त कम से कम 500 रुपये और अधिकतम पांच हजार रुपये तक अर्थदंड वसूलने का प्रविधान है। गृह विभाग ने इसकी मानीटरिंग भी करने का निर्देश अफसरों को दिया है। 

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