बिहार: मुजफ्फरपुर के जिस अस्पताल में हो रही बच्चों की मौत, वहीं मिले नरकंकाल, मचा हड़कंप
बिहार में एईएस से हो रही मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है वहीं मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच परिसर में नरकंकाल मिलने से हड़कंप मच गया है। इसकी जांच तत्काल शुरू कर दी गई है।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Sat, 22 Jun 2019 08:06 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एक तरफ मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है तो वहीं दूसरी ओर अस्पताल परिसर के बाहर झाड़ियों में नरकंकाल मिलने की सूचना पर हड़कंप मच गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि लावारिस लाशों का पोस्टमार्टम कर बिना अंतिम संस्कार किए अस्पताल के पीछे फेंक दिए गए हैं। मामले में प्रशासन ने स्पेशल कमिटी गठित कर जांच कराने की बात कही है।
एसकेएमसीएच के अधीक्षक एसके शाही ने कहा कि अस्पताल परिसर में मानव कंकालों के मिलने की जानकारी मिली है। पोस्टमार्टम हाउस कॉलेज प्रिंसिपल के अधिकार क्षेत्र में हैं। मैं प्रिंसिपल से बात करूंगा और जांच समिति गठित कर जांच कराने को भी कहूंगा।
उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाही क्यों हो रही है? इसकी जांच जरुरी है। मानवीय संवेदना का ध्यान रखते हुए शवों का अंतिम संस्कार कराना चाहिए न कि उसे यूं ही फेंक दिया जाना चाहिए। मालूम हो कि नियमों के अनुसार अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के समय एक पुलिसकर्मी की उपस्थिति जरुरी होती है। इसके बावजूद शवों को ऐसे ही क्यों फेंका जा रहा है, यह जांच का विषय है।बिहार: मुजफ्फरपुर के जिस अस्पताल में एईएस ने तांडव मचाया है अब उसी असपताल परिसर से नरकंकाल का मिलना, गजब है ना....#Bihar #MuzaffarpurChildrenDeath pic.twitter.com/KAVtfrmLEH
— kajal lall (@lallkajal) June 22, 2019
अधीक्षक के जांच की बात कहने जाने के बाद आनन-फानन में एफएमटी विभाग के डॉक्टर विपिन कुमार मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी बड़ी मात्रा में फेंके गए नर कंकालों को देखा। उन्होंने कहा कि इस बारे में आधिकारिक जानकारी कॉलेज प्राचार्य ही देंगे। परिसर में नरकंकाल को लेकर जांच पड़ताल की जा रही है।
वहीं, इस मामले में मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही है।
इसके साथ ही बिहार स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी पूरी जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद एक जांच टीम उस जगह पर पहुंच गई है जहां नरकंकाल मिले हैं। अहियापुर के एसएचओ सोना प्रसाद सिंह ने कहा है कि जांच के बाद ही खुलासा होगा कि यहां इस तरह से लावारिश शव को क्यों जलाया जाता था? बता दें कि इसी अस्पताल में एईएस से पीड़ित बच्चों का इलाज भी चल रहा है। प्रतिदिन एईएस से बच्चों की मौत हो रही है। जानकारी के मुताबिक आज भी अस्तपाल में तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया है और अब मौत का आंकड़ा 160 से ज्यादा हो गया है। लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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