2024 में सत्ता में आई भाजपा, तो बदल देगी बाबा साहब का संविधान; बिबेक देबरॉय के बहाने RJD ने BJP पर किया वार
आरजेडी ने कहा है कि आरएसएस और भाजपा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए संविधान को बदलने की तैयारी कर रही है। योजना है कि 2024 में फिर सत्ता में आएं और संघ की स्थापना के सौ साल पूरा होने से पहले संविधान बदलकर मनुस्मृति वाली व्यवस्था लागू कर दें। देश की जनता को इनकी साजिश का पता चल चुका है इसलिए भाजपा की सत्ता से विदा तय है।
राज्य ब्यूरो, पटना: 2024 के चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच वार-पलटवार का दौर तेज होता जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणामों को लेकर आरजेडी ने आरएसएस और भाजपा पर हमला बोला है।
आरजेडी ने कहा है कि आरएसएस और भाजपा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान को बदलने की तैयारी में है।
2024 में अगर ये दोबारा सत्ता में आते हैं, तो 2025 में संघ की स्थापना के सौ साल पूरा होने से पहले संविधान को बदलकर मनुस्मृति व्यवस्था लागू कर देंगे।
देश की जनता को इनकी साजिश का पता चल चुका है। इसलिए लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में से विदा हो जाएगी।
बिबेक देबरॉय के आर्टिकल का किया जिक्र
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी और सारिका पासवान ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संविधान बदलने के मिशन के तहत प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय का आलेख प्रकाशित हुआ था।
आलेख के प्रकाशित होने के बाद ही भाजपा और आरएसएस से जुड़े सोशल मीडिया पेज पर संविधान को बदलने के पक्ष में माहौल बनाने का अभियान शुरू हो गया है।
संविधान बदलना आरएसएस का मुख्य एजेंडा
राजद ने कहा कि संविधान को संविधान को बदलना आरएसएस के मुख्य एजेंडा में शामिल है। संविधान के अन्तिम प्रारूप की स्वीकृति के तीन दिन बाद ही 30 नवम्बर 1949 को प्रकाशित आरएसएस की एक पत्रिका ने भारतीय संविधान को औपनिवेशिक विरासत बताकर मनुवादी व्यवस्था लागू करने की वकालत की थी।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अनेकों बार संविधान की समीक्षा करने की बात सार्वजनिक रूप से कही गई है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय भी संविधान समीक्षा की बात कही गई थी।
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार हैं बिबेक देबरॉय
राजद ने कहा कि औपनिवेशिक विरासत बताकर भारतीय संविधान को अपमानित करने वाले बिबेक देबरॉय कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं।
वे प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष हैं। उनका लेख प्रकाशित हुए दस दिन हो गए। अबतक केंद्र सरकार और भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।