Farmer Subsidy: फल-फूल की खेती को आधा खर्च देगी सरकार, पपीता के लिए 70 प्रतिशत अनुदान
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों को फल-फूल की खेती के लिए आधा खर्च सरकार देगी। यदि पपीता की खेती करना चाहते हैं तो 70 प्रतिशत अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। बागवानी को बढ़ावा देने वाली इस योजना का लाभ अपने थोड़ी सी जमीन पर उठा सकते हैं। अपनी जमीन नहीं है तो लीज पर लेकर भी योजना में शामिल हो सकते हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। किसानों को उनकी जाति की श्रेणी के आधार पर अनुदान राशि में अंतर आएगा। योजना में गेंदा फूल, केला, आम, पपीता की खेती को शामिल किया गया है।
कितना मिलेगा लाभ
योजना का लाभ कम से कम 0.25 एकड़ तथा अधिकतम 10 एकड़ के लिए मिलेगा। क्षेत्र विस्तार के लिए पौधरोपण सामग्री की आपूर्ति सेंटर आफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली और प्लग टाईप नर्सरी, कटिहार तथा भोजपुर जिलों से की जाएगी।
कौन होंगे पात्र
इस योजना का लाभ रैयत कृषक, जमीन के कागजात के आधार तथा गैर रैयत भूमि एकरारनामा के आधार पर ले सकते हैं।आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व या राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व या राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा। इच्छुक कृषक आवेदन करने से पहले डीबीटी में पंजीकृत बैंक खाता संबंधित विवरण की जांच खुद कर सकते हैं।
कैसे होगा भुगतान
नियमानुसार अनुदान राशि डीबीटी के तहत सीएफएमएस भुगतान किया जाएगा। लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जाएगा और प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।कैसे करें आवेदन
किसानों को आवेदन करने के लिए horticulture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद यहां पर अलग-अलग योजनाओं में आवेदन करने के लिए विकल्प आएंगे। किसान को जिस योजना में आवेदन करना है उस पर क्लिक करना होगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।किस चीज की बागवानी के लिए कितना मिलेगा अनुदान
फल-फूल - अनुदान (रुपये में) - लक्ष्य (हेक्टेयर में) - लागत प्रति हेक्टेयर
- पपीता - 45,000 - 8 - 60,000
- आम - 24,000 - 20 - 60,000
- केला - 62,500 - 40 - 1,25,000
- फूल - 28,000 - 250 - 40,000