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शाहरूख खान की तरह 'चल छैंया-छैंया' की तरह करना हो ट्रेन से सफर, तो यहां आइए...

अगर आपर शाहरूख खान की फिल्म दिल से के गाने चल छैंया-छैंया की तरह रोमांचकारी यात्रा करना चाहते हैं तो बहुत जल्द आपको रेलवे रक्सौल से काठमांडू के लिए ट्रेन का सफर करवाएगी। जानिए....

By Kajal KumariEdited By: Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:16 AM (IST)
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शाहरूख खान की तरह 'चल छैंया-छैंया' की तरह करना हो ट्रेन से सफर, तो यहां आइए...
पटना [चन्द्रशेखर]। आपको अगर शाहरूख खान की फिल्म दिल से का वो गाना याद हो जिसमें शाहरूख ट्रेन की छत पर चल छैंया-छैंया...गाने पर डांस करते नजर आ रहे थे और ट्रेन की रफ्तार इतनी धीमी और घुमावदार थी कि पूरा गाना रोमांचित करने वाला है।एेसा ही रोमांच चाहिए तो अब आपको बिहार के रक्सौल जिले से काठमांडू तक जाने के सफर में मिल सकता है। लेकिन इसके लिए आपको अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।

हालांकि, इसके लिए बिहार के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू के बीच रेललाइन बिछाने के लिए सर्वे पूरा हो गया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक रक्सौल से काठमांडू के बीच 136.6 किमी लंबी रेललाइन में 13 महत्वपूर्ण स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रेललाइन से गुजरने वाली ट्रेनें 41.87 किमी रास्ता में 39 सुरंगों से पूरा करेंगी। सुरंगों को पहाड़ खोदकर बनाया जाएगा। अगले साल जून तक इसका डीपीआर भी तैयार हो जाएगा। 

सर्वे कोंकण रेलवे ने किया है। पूर्व मध्य रेल की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अगले बजट में इस रेलखंड के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से राशि का आवंटन भी संभव है। दोनों देशों के बीच 2018 में 31 अगस्त को समझौता हो चुका है।

रेलखंड के निर्माण पर 16,550 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। रक्सौल से काठमांडू के बीच सड़क मार्ग से दूरी 145 से 150 किमी है। नई रेल लाइन से यह सिमटकर 136 किमी हो जाएगी।  

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, पहले दो विकल्प तैयार किए गए थे। पहले विकल्प में इस रेलखंड की लंबाई 200 किमी हो रही थी।

इसके बाद दूसरे विकल्प के रूप में इस रेलखंड का चयन किया गया जिसकी लंबाई 136.6 किमी होगी। पूरे रेलखंड में में 32 आरओबी बनाए जाएंगे। सड़क परिवहन को सुचारु रखने के लिए पूरे रेलखंड में 53 अंडरपास भी बनाए जाएंगे। ऊपर ट्रेन चलेगी और नीचे से गाडिय़ां पार होंगी। रेलखंड पर 259 छोटे एवं 41 बड़े पुल बनाए जाएंगे। 

ये होंगे13 स्टेशन- रक्सौल, बीरगंज, बगही, पिपरा, धूमरवना, ककाड़ी, निजगढ़, चंद्रपुर, धियाल, शिखरपुर, सिसनेरी, साथीखेल और काठमांडू को स्टेशन बनाया गया है। 

कहा-पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ने 

रक्सौल से काठमांडू के बीच रेल लाइन बनाने का रास्ता साफ हो गया है। यह मेगा प्रोजेक्ट है जिससे नेपाल व भारत के बीच सांस्कृतिक व व्यापारिक संबंध प्रगाढ़ होंगे। दोनों देशों के बीच इस रेलखंड के निर्माण को लेकर उत्सुकता है। भारतीय रेल की ओर से बड़ी पहल होगी। 

- ललित चंद्र त्रिवेदी, महाप्रबंधक, पूर्व-मध्य रेल।

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