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बिहार-बांग्लादेश के बीच जलमार्ग से आयात-निर्यात होगा बेहद आसान, 800 KM की दूरी घटकर होगी 19 किलोमीटर

बिहार से बांग्लादेश के लिए खाद्य सामग्री स्टोन चिप्स समेत अन्य सामानों का जलमार्ग से आयात व निर्यात करना बेहद कम समय में आसान और सस्ता हो जाएगा। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहल पर भारत के बहरमपुर स्थित मैया में गंगा-पद्मा नदी तट पर एक निजी कंपनी द्वारा व्यवस्था विकसित की जा रही है। यहां से बांग्लादेश के सुल्तानगंज बंदरगाह तक मालवाहक जहाजों की आवाजाही जल्द शुरू होगी।

By ahmed raza hasmi Edited By: Prateek Jain Updated: Mon, 08 Jan 2024 11:45 PM (IST)
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बहरमपुर स्थित मैया में गंगा-पद्मा नदी तट पर चल रहा विकास कार्य। सौ.- आईडब्लूएआई
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। बिहार से बांग्लादेश के लिए खाद्य सामग्री, स्टोन चिप्स समेत अन्य सामानों का जलमार्ग से आयात व निर्यात करना बेहद कम समय में आसान और सस्ता हो जाएगा। इसके लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहल पर भारत के बहरमपुर स्थित मैया में गंगा-पद्मा नदी तट पर एक निजी कंपनी द्वारा व्यवस्था विकसित की जा रही है।

यहां से बांग्लादेश के सुल्तानगंज बंदरगाह तक मालवाहक जहाजों की आवाजाही जल्द ही शुरू होगी। अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े स्थल के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच की जलमार्ग दूरी आठ सौ किलोमीटर से घट कर महज 19 किलोमीटर रह गई है। यह जानकारी आईडब्लूएआई पटना के निदेशक एलके रजक ने दी।

मैया स्थल पर कस्टम स्टेशन बनाया गया 

उन्होंने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, कोलकाता समेत अन्य राज्यों को अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जोड़ने वाले मैया स्थल पर कस्टम स्टेशन बनाया गया है। कई कंपनियां यहां से जहाज परिचालन की तैयारी में जुटी हैं।

इस जलमार्ग पर नियमित ड्रेजिंग किए जाने की व्यवस्था की जाएगी। नयी व्यवस्था शीघ्र काम करने लगेगी। निदेशक ने बताया कि बिहार में पटना के गायघाट स्थित बंदरगाह से बनारस और कोलकाता के बीच गंगा जलमार्ग से पर्यटक एवं मालवाहक जहाजों की आवाजाही बढ़ गयी है।

इसी मार्ग से मालवाहक जहाज गंगा के रास्ते फरक्का तक पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से भारत के बहरमपुर मैया स्थित गंगा-पद्मा के तट पर विकसित हो रहे स्थल तक पहुंचेगा। माल लदा जहाज गंगा-पद्मा के रास्ते बांग्लादेश के सुलतानगंज स्थित बंदरगाह तक महज उन्नीस किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंच जाएगा।

इस मार्ग से आयात-निर्यात में समय के साथ रुपए की भी बचत होगी। निदेशक ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर आयात निर्यात करने के लिए कस्टम की आवश्यकता होती है। पटना के गायघाट स्थित बंदरगाह से यह व्यवस्था नहीं है।

पटना सिटी के व्यापारियों ने दिखायी रुचि 

आईडब्लूएआई   पटना के निदेशक एल के रजक ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच विकसित जलमार्ग से होने वाले लाभ के बारे में पटना सिटी के व्यापारियों को अवगत कराया गया है।

कई कंपनियों तथा व्यापारियों ने मक्का, गेहूं, चावल, स्टोन चिप्स समेत अन्य सामग्री का आयात-निर्यात इस मार्ग से करने में रुचि दिखाई है। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर होने वाले लाभ के बारे में व्यापारियों को जागरूक करने का प्रयास जारी है।

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