Bihar Sand Mining News: घाट बंदोबस्तधारी की मौत होने पर उत्तराधिकारी को मिलेगी बंदोबस्ती, खनन विभाग का बड़ा निर्णय
बिहार में नदियों से बालू खनन को सहज बनाने के लिए विभाग रोज नई कवायद में जुटा है। इसी क्रम में विभाग ने निर्णय लिया है कि यदि बालू घाट का बंदोबस्त होने के बाद उसकी मौत हो जाती है तो संबंधित परिवार की अनापत्ति लेकर उत्तराधिकारी को बंदोबस्त सौंप दिया जाएगा। इसके पहले संबंधित बंदोबस्तधारी के साथ नए सिरे से एकरारनामा भी होगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। नदियों से बालू खनन को सहज बनाने के लिए खान एवं भूञ-तत्व विभाग रोज नई कवायद में जुटा है। इसी कड़ी में विभाग ने निर्णय लिया है कि यदि बालू घाट का बंदोबस्त होने के बाद उसकी मृत्यु हो जाती है, तो वैसी स्थिति में संबंधित बंदोबस्तधारी के परिवार की अनापत्ति लेकर उत्तराधिकारी को बंदोबस्त सौंप दिया जाएगा। इसके पूर्व संबंधित बंदोबस्तधारी के साथ नए सिरे से एकरारनामा भी होगा।
विभाग के अनुसार, कई बालूघाटों की बंदोबस्ती के क्रम में ऐसी जानकारी मिली थी कि इ-नीलामी पूरा होने के बाद और खनन पट्टा जारी होने के पहले बंदोबस्तधारी की मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनके कानूनी उत्तराधिकारी ने अनापत्ति देते हुए बालूघाट संचालन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मांगी। हालांकि नियमावली में इसका प्रविधान नहीं था।लिहाजा मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी के पक्ष में घाट स्थानांतरण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी के संबंध में महाधिवक्ता से परामर्श लिया गया। जिसके बाद विभाग ने निर्णय लिया कि ऐसी परिस्थिति में कानूनी उत्तराधिकारी के पक्ष में परिवार के सभी सदस्यों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर सैद्धांतिक मंजूरी या खनन पट्टा हस्तांतरित करने के लिए संबंधित जिला के डीएम सक्षम होंगे।
खनन पट्टा हस्तांतरण के बाद संबंधित डीएम द्वारा शेष अवधि के लिए संबंधित उत्तराधिकारी के साथ फिर से एकरारनामा किया जाएगा।यह भी पढ़ें: Shambhavi Choudhary: 'नीतीश के चहेते मंत्री की बेटी और दामाद...', रोहिणी के सोशल मीडिया पोस्ट ने मचाया बवाल
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