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Bihar Politics: मिथिलांचल में किसे मिलेगा 'पचपनिया' का साथ? 40 प्रतिशत वोट के लिए NDA और महागठबंधन में सीधी टक्कर

बिहार के मिथिलांचल रीजन में लोकसभा चुनाव चौथे और पांचवें चरण में होगा। पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी पचपनिया बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। मिथिलांचल रीजन में 55 छोटी जातियों के समूह को पचपनिया कहा जाता है। पिछले चुनाव में एनडीए इस फैक्टर को साधने में सफल रही थी। इस बार भी एनडीए मिथिलांचल में अपने परंपरागत समर्थकों के साथ पचपनिया को साधने में जुटा है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 17 Apr 2024 03:26 PM (IST)
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पचपनिया के 40 प्रतिशत वोट के लिए NDA और महागठबंधन में सीधी टक्कर।
दीनानाथ साहनी, पटना। मिथिलांचल में चौथे और पांचवें चरण में चुनाव है। इस बार भी पचपनिया को बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। मिथिलांचल में छोटी जातियों के समूह पचपनिया (पचपन जातियों का समूह) कहा जाता है। पिछले चुनाव में राजग की जीत में इस समूह की निर्णायक भूमिका रही थी।

इस बार भी राजग मिथिलांचल में अपने परंपरागत समर्थकों के साथ पचपनिया को साधने में जुटा है। 40 प्रतिशत से अधिक इन जातियों के मतदाता आम तौर पर चुनाव के दौरान मौन साधकर रहते हैं, जबकि दबंग कही जाने वाली यहां की बड़ी जातियां अलग-अलग नेताओं एवं राजनीतिक दलों के समर्थन में खुल्लमखुल्ला रहती है। ऐसे में चुनाव के समय पचपनिया का महत्व बहुत अधिक हो जाता है

एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा सीधा मुकाबला

मिथिलांचल में सात लोकसभा सीटें हैं। इनमें दरभंगा, झंझारपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, उजियारपुर, सुपौल और मधेपुरा शामिल हैं। दिलचस्प यह है कि इन सीटों पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को जीत मिली थी। इस जीत में पचपनिया फैक्टर ने बड़ी भूमिका निभायी थी।

जाहिर है, मिथिलांचल की सभी सात सीटों पर इस बार भी जीत पक्की करने के लिए एनडीए जोर लगाये है। जबकि महागठबंधन मिथिलांचल की सीटों पर एनडीए की बढ़त रोकने का पूरा प्रयास में जुटा है।

इस बार मिथिलांचल में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखना दिलचस्प रहेगा। इससे मिथिलांचल में सियासी हलचल तेज हो गई है।

खासकर, छोटी-छोटी जातियों के मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए एनडीए विशेष मुहिम छेड़े हुए है। वहीं महागठबंधन भी उन जातियों के बीच सक्रिय है, क्योंकि हर चुनाव में अगड़ी जातियों, यादव व मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं का रुख स्पष्ट रहता है।

माना जाता है कि छोटी-छोटी जातियों के समूह पचपनिया ही मौन साधे होते हैं। इसलिए इस समूह पर अपना दावा मजबूत करने के लिए उनकी बिरादरी के नेताओं को दोनों गठबंधन द्वारा तरजीह दी जा रही है।

2014 में चार सीटें जदयू और तीन सीटें भाजपा ने जीती थी

मिथिलांचल में पचपनिया के बूते जदयू ने चार और भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। सीतामढ़ी सीट पर जदयू के सुनील कुमार पिंटू ने जीत दर्ज की थी। यहां से राजद के अर्जुन राय दूसरे स्थान पर थे।

सुपौल सीट पर जदयू के दिलेश्वर कामत जीते थे, जबकि दूसरे स्थान पर रंजीत रंजन रही थीं। मधेपुरा सीट से जदयू के दिनेश चंद्र यादव विजयी रहे थे। यहां पर राजद से शरद यादव दूसरे पर थे।

झंझारपुर में जदयू के रामप्रीत मंडल ने जीत दर्ज की थी। राजद के गुलाब यादव दूसरे स्थान रहे थे। भाजपा के गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा

सीट पर जीते थे, जबकि राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी दूसरे स्थान पर रहे थे। मधुबनी सीट पर भाजपा के अशोक कुमार यादव ने जीत दर्ज की थी। यहां विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे दूसरे स्थान पर रहे थे। उजियारपुर सीट पर भाजपा के नित्यानंद राय ने जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेन्द्र कुशवाहा दूसरे स्थान पर रहे थे।

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