आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती वाली याचिका में बिहार सरकार ने SC में दिए जवाब, 26 सितंबर को होगी आखिरी सुनवाई
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने आनंद मोहन को दी गई छूट को चुनौती देने वाली जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर अंतिम सुनवाई 26 सितंबर को तय की। बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार को अतिरिक्त शपथपत्र दायर करने की अनुमति दी गई जिसमें जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी ठहराए गए रिहा किए गए दोषियों का विवरण दिया गया।
By AgencyEdited By: Prateek JainUpdated: Fri, 11 Aug 2023 09:30 PM (IST)
नई दिल्ली/पटना, पीटीआई: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार से पूछा कि लोकसेवक जी. कृष्णैया की हत्या के कितने दोषियों को पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ इस साल अप्रैल में रिहा किया गया।
बिहार सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मोहन सहित कुल 97 दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया गया था।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने आनंद मोहन को दी गई छूट को चुनौती देने वाली जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर अंतिम सुनवाई 26 सितंबर को तय की।
SC ने बिहार सरकार को अतिरिक्त शपथ दायर करने की अनुमति दी
शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार को अतिरिक्त शपथपत्र दायर करने की अनुमति दी, जिसमें जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी ठहराए गए रिहा किए गए दोषियों का विवरण दिया गया था।
जस्टिस दत्ता ने पूछा कि क्या इन सभी 97 लोगों को, जिन्हें छूट दी गई थी, हत्या का दोषी ठहराया गया था और यदि नहीं, तो कितने लोग हत्या के दोषी थे।
रंजीत कुमार ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई डाटा नहीं है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का मामला यह है कि आनंद मोहन को लाभ पहुंचाने के लिए छूट नीति में बदलाव किया गया था।जस्टिस दत्ता ने कहा,
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।19 मई को शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को आनंद मोहन को दी गई छूट के संबंध में संपूर्ण मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया था।आप (रंजीत कुमार) उन व्यक्तियों के बारे में विवरण प्रस्तुत करें, जिन्हें हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और छूट दी गई थी।