Bihar Politics: Nitish Kumar के कारण क्या टूट जाएगा INDI गठबंधन? जदयू की इस नसीहत ने कांग्रेस को दी बड़ी टेंशन
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में पार्टी के दिग्गजों द्वारा एक बात नसीहत पर भी हुई थी। हालांकि यह नसीहत ललन सिंह के इस्तीफे और नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बीच दब गयी थी। हालांकि अब यह राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना है। आने वाले समय के लिए यह एक बड़े संकेत की बात भी कर रहा।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के दिग्गजों की मौजूदगी में एक बात नसीहत पर भी हुई थी जो ललन सिंह (Lalan Singh) के इस्तीफे और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बीच दब गयी थी। पर अब यह दबा हुआ मसला राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना है। आने वाले समय के लिए यह एक बड़े संकेत की बात भी कर रहा।
जदयू की तरफ से इस बात को आगे किया गया कि आईएनडीआईए (INDIA) में जिम्मेवारी उस नेता को दिया जाए जो अनुभव और कार्यक्षमता रखते हों। इस बिंदु पर कांग्रेस (Congress) का नाम लिए बगैर यह कहा गया कि बड़े दल को उदार बनने की आवश्यकता है। अनायास ही यह नहीं है। इसके निहितार्थ साफ-साफ हैं।
खरगे का राम नहीं आया रास
आईएनडीआईए की दिल्ली बैठक में जब पश्चिम बंगाल की मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आईएनडीआईए में नेतृत्वकर्ता के रूप में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (President Mallikarjun Kharge) का नाम लिया था, तब जदयू को यह अच्छा नहीं लगा था। जदयू ने इसपर एतराज भी जताया था।नीतीश को विकल्प के रूप में पेश करेगी JDU
अब तो नीतीश कुमार की मौजूदगी में यह बात हो रही कि अनुभव और कार्यक्षमता के अनुरूप ही किसी नेता को आईएनडीआईए की जिम्मेदारी दी जाए। जदयू ने साफ-साफ कहा है कि नीतीश कुमार देश में वैकल्पिक राजनीति के प्रस्तोता हैं। प्राय: सभी बैठकों में उन्हें आईएनडीआईए का सूत्रधार कहा जाता है।
जदयू बहुत ही स्पष्ट अंदाज में यह कह रहा कि अगर इस महागठबंधन को सफल और कामयाब देखना तो फिर बड़े दल का बड़ा दिल दिखाना होगा। सजगता, समझदारी, समन्वय और संकल्प की बात कर रहा जदयू।
बिहार में सीट शेयरिंग का क्या ?
जदयू की इस संकेत वाली नसीहत के बीच सीट शेयरिंग को लेकर जनवरी के पहले हफ्ते में बात बढ़ेगी। बिहार में तो पुराने आंकड़े आधार पर सब कुछ तय सा माना जा रहा। जदयू के अंदरखाने में यह पहले से ही चर्चा में है कि उनके दल को कौन-कौन सी सीटें मिलनी हैं।
जदयू ने बगैर किसी चर्चा के सीतामढ़ी सीट के लिए अपने प्रत्याशी के नाम का भी ऐलान कर दिया है। कुछ अन्य सीटों पर नाम की चर्चा शुरू है जो तयशुदा अंदाज में है। पर इसके अतिरिक्त जदयू कुछ अन्य राज्यों में भी अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है।
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