Indian Rail: एक घंटे में 10 किलोमीटर का सफर करती हैं ये सुपरफास्ट ट्रेनें, पटना के पास आते ही थम जाती रफ्तार
बिहार की राजधानी पटना के नजदीक आते ही सुपरफास्ट ट्रेनों की रफ्तार भी थम जाती है। इसके पीछे यात्रियाें का कोई गुनाह नहीं बल्कि रेलवे की अजीब व्यवस्था है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि कई सुपरफास्ट ट्रेनें 10 किलोमीटर का सफर तय करने में एक घंटे लगा देती हैं।
पटना, चंद्रशेखर। भारतीय रेल अब बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी में जुटी है। वंदे भारत और तेजस जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेनें चलाकर वाहवाही बटोरने वाली रेलवे की ऐसी भी ट्रेनें हैं 10 किलोमीटर का सफर एक घंटे में तय करती हैं। यह जानकर आपको और भी ताज्जुब होगा कि ये ट्रेनें किसी दुर्गम सुदूर इलाके की नहीं, बल्कि नई दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर चलाई जाती हैं। यह और भी ताज्जुब का विषय है कि रेलवे ने इन ट्रेनों को सुपरफास्ट ट्रेन का दर्जा दिया है। रेलवे की ओर से जारी टाइमटेबल में इन ट्रेनों को पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर से पटना जंक्शन के बीच 10 किलोमीटर के सफर के लिए बकायदा 60 मिनट यानी एक घंटे का समय दिया गया है। रेलवे का दावा है कि इन ट्रेनों को इंजीनियरिंग टाइमिंग की वजह से अतिरिक्त समय दिया गया है। खास बात यह भी है कि ऐसी कोई इकलौती ट्रेन नहीं है।
पटना पहुंचते ही ठहर जाती है एलटीटी-भागलपुर की रफ्तार
मुंबई से भागलपुर जाने वाली 02336 एलटीटी भागलपुर स्पेशल ट्रेन 8.02 बजे डीडीयू जंक्शन से पटना के लिए रवाना होती है। ढाई घंटे बाद 10.35 बजे यह ट्रेन 167 किमी की दूरी तय करते हुए आरा पहुंचती है। आरा से पटना की दूरी 49 किमी है। यह ट्रेन आरा से पटना आने में दो घंटे का समय लगाती है। आरा से दानापुर की 39 किमी की दूरी 55 मिनट में तय करते हुए 11.28 बजे पहुंचती है। दानापुर से पटना जंक्शन की दस किमी की दूरी एक घंटे में तय करते हुए 12.30 बजे पटना जंक्शन पहुंचती है।
हावड़ा-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस का भी यही हाल
इसी तरह, हावड़ा से पटना जंक्शन आने वाली 02023 हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस हावड़ा से दिन में 14.05 बजे चलकर रात में 21.40 बजे पटना साहिब पहुंच जाती है। इसके बाद इस ट्रेन को लगभग 45 मिनट पटना सिटी स्टेशन पर ही रोकना पड़ता है। पटना सिटी से पटना जंक्शन आने का समय पूरे एक घंटा दिया गया है। पटना जंक्शन यह 22.40 बजे पहुंचती है। इस तरह इसे 10 किमी की दूरी तय करने में एक घंटा लग जाता है। रेल अधिकारियों की मानें तो इंजीनियरिंग कारणों से इतना समय दिया गया है।
बाहर से आने वाले रेल यात्रियों में होती बिहार की बदनामी
पूर्व मध्य रेलवे में सभी ट्रेनों की गति सीमा को बढ़ाया जा रहा है। डीडीयू से पटना के रास्ते झाझा के बीच 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने की घोषणाएं हो चुकी है। कुछ ट्रेनों की गति को बढ़ाया भी गया है। लेकिन कुछ ट्रेनें बेवजह पटना आकर धीमी हो जाती हैं। इससे दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों में बिहार के प्रति नकारात्मक धारणा भी बनती है। लोगों को यह लगता है कि बिहार आकर ही ट्रेनें सुस्त हो जाती हैं। बिहार दैनिक यात्री संघ की ओर से सचिव मो. शोएब कुरैशी ने मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार से इंजीनियरिंग टाइम के नाम पर किए जा रहे घालमेल को समाप्त कर इन ट्रेनों को समय से चलाने की मांग की है।