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Bihar Teachers: KK पाठक का यह अधूरा काम पूरा करेगा शिक्षा विभाग, पुराने वेतनमान वाले लाखों शिक्षकों को मिलेगा लाभ

बिहार में 34540 कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें भी अंतर-जिला स्थानांतरण का मौका मिलेगा। शिक्षा विभाग की प्रस्तावित स्थानांतरण और पदस्थापन नीति में इसका प्रावधान किया गया है। इस नीति को मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा और इसके बाद यह सरकारी विद्यालयों के करीब साढ़े पांच लाख शिक्षकों के लिए प्रभावी हो जाएगा।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 27 Sep 2024 05:56 PM (IST)
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बिहार में पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों के लिए खुशखबरी।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में 34,540 कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों समेत प्रारंभिक विद्यालयों के जिला संवर्ग के पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों को भी अंतरजिला स्थानातंरण का मौका मिलेगा। इसका प्रविधान शिक्षा विभाग की प्रस्तावित स्थानातंरण व पदस्थापन नीति में किया गया है।

शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा प्रस्तावित नीति की कापी शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के समक्ष अवलोकन हेतु प्रस्तुत किया गया है।

प्रस्तावित नीति मंत्रिमंडल के पास भेजने की तैयारी

इस प्रस्तावित नीति को मंत्रिमंडल में स्वीकृति के लिए भेजने की तैयारी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद स्थानातंरण व पदस्थापन नीति सरकारी विद्यालयों में कार्यरत करीब साढ़े पांच लाख शिक्षकों के लिए प्रभावी हो जाएगा।

जून 2023 में ही होना था पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों का तबादला 

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में 34,540 कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों सहित प्रारंभिक विद्यालयों के जिला संवर्ग के पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों का अंतरजिला तबादला पिछले साल जून में ही होना था।

इसके लिए 34,540 कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों सहित नियोजन के पहले से पुराने वेतनमान में नियुक्त शिक्षकों से जिला शिक्षा कार्यालयों द्वारा आवेदन जमा लिया गया था।

सभी जिलाें द्वारा शिक्षकों के आवेदन प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध भी करा दिया गया था। ऐसे आवेदनों की शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया गया था।

केके पाठक के पदस्थापन के बाद रूक गई थी प्रक्रिया 

निर्देश के मुताबिक, तबादला के लिए केवल उन्हीं मामलों पर विचार किया जाना था, जो समान विषय के थे। जैसे हिंदी व उर्दू भाषा के सहायक शिक्षक को अन्य जिले के हिंदी व उर्दू भाषा के शिक्षक के विरुद्ध ही अंतर जिला स्थानांतरण किया जाना था।

उसके बाद अंतरजिला स्थानातंरण से संबंधित कमेटी की बैठक होनी थी, जिसमें शिक्षकों द्वारा एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए दिए गए आवेदन पर गौर करते हुए निर्णय लिया जाना था।

लेकिन, कमेटी की बैठक की तिथि तय होती, उसके पहले ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद केके पाठक पदस्थापित किए गए। उसके बाद शिक्षकों के अंतरजिला तबादले की प्रक्रिया रूक गई।

कैबिनेट बैठक के बाद दोबारा शुरू होगी प्रक्रिया

जब यह मामला बिहार विधान मंडल में भी उठा था। तब, सरकार ने यह जवाब दिया था कि सहायक शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। अब कैबिनेट से प्रस्तावित नीति को मंजूरी मिलने के बाद पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों के स्थानातंरण हेतु आवेदन जिलों में जमा लिये जाएंगे।

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