International Yaga Day: योग के जरिए भविष्य संवार सकते हैं युवा, इसमें करियर की बड़ी संभावनाएं; आइए जानें
International Yaga Day योग अब महज शरीर को स्वस्थ रखने का जरिया नहीं रहा। अब यह करियर के लिए बेशुमार संभावनाएं भी लेकर आया है। योग अब बड़ा इंडस्ट्री बन गया है। योग के साथ -साथ दूसरे क्षेत्र में भी काम किए जा सकते हैं।
By Bihar News NetworkEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2022 05:03 PM (IST)
पटना। पहले लोग योग को बस स्वास्थ्य की दृष्टि से देखते थे, पर अब इसमें अच्छे करियर भी बनाए जा रहे हैं। प्रचलित चिकित्सा पद्धति के साइड इफेक्टस को देखते हुए लोगों में आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति रूझान बढ़ा है। कुछ वर्षों से योग के प्रति भी लोगों में रूचि बढ़ी है। योग अब बड़े इंडस्ट्री का रूप ले रहा है। इसमें करियर की बड़ी संभावनाएं हैं।
योग का विकास
पहली और 5वीं शताब्दी ईस्वी के बीच हिंदू संत पतंजलि ने पूरे भारत में प्रचलित प्राचीन ध्यान परंपराओं को संहिताबद्ध करना शुरू किया। उन्होंने लगभग भारतीय सभ्यता जितनी पुरानी तकनीक को 196 नियमावली में दर्ज किया, जिन्हें योग सूत्र कहा जाता है। ये ग्रंथ योग को शुद्ध चेतना की समृद्ध अवस्था के प्रयासों में बाहरी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने या मन को संयमित करने के रूप में परिभाषित करते हैं। समय के साथ योग में जिम्नास्टिक और कुश्ती के भौतिक तत्वों को शामिल किया जाने लगा। आज वे आधुनिक योग के लिए कई दृष्टिकोण हैं। हालांकि, अधिकांश अभी भी पतंजलि के अभ्यास शारीरिक पोस्टर, श्वास व्यायाम और आध्यात्मिक चिंतन के तीन मुख्य तत्वों को बनाए रखते हैं। शारीरिक और मानसिक व्यायाम के इस मिश्रण को व्यापक रूप से स्वास्थ्य लाभों का एक अनूठा सेट माना जाता है। योग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें योग के साथ -साथ दूसरे क्षेत्र में भी काम किया जा सकता हैं । योग में बहुत सारे करियर ऑप्शन है, जैसे योग शिक्षक -योग में शिक्षा प्रशिक्षण के बाद कोई भी योग कक्षाएं लगा सकता है। अगर मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण लिया है, तो खुद का इंस्टिट्यूट भी खोला जा सकता हैं। स्कूल एवं कॉलेज में भी कक्षाएं ले सकते हैं। चिकित्सक व शोधकर्ता के रूप में रोगों तथा विकारों के संदर्भ में भी कार्य कर सकते हैं।
योग में दो प्रमुख क्षेत्र
योग में प्रमुख दो क्षेत्र हैं, अध्यापन और अनुसंधान और दूसरा रोगों का उपचार। योग मन और शरीर दोनों का उपचार करता है। किंतु यह जानना आवश्यक होता है कि किस आसन और प्राणायाम से कौन सा रोग ठीक होता है। इसलिए योग शिक्षक या चिकित्सक बनने के लिए एक अच्छे संस्थान से ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है।
भारत में उपलब्ध कोर्स योग के कई कोर्स भारत में उपलब्ध हैं। जैसे - बैचलर ऑफ आर्ट्स (योग), मास्टर्स ऑफ आर्ट्स (योग), पीजी डिप्लोमा इन योग, बैचलर इन नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस, इत्यादि। 12वीं के बाद सर्टिफिकेट कोर्सेज जैसे टीटीसी, योग एलायंस कोर्स भी किए जा सकते हैं। प्रतिष्ठित योग संस्थान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार
- देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार
- भारती विद्या भवन , गुजरात
- पतंजलि योगपीठ , हरिद्वार
- उत्तराखंड संस्कृति यूनिवर्सिटी , हरिद्वार
- मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ योग, न्यू दिल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ योगिक साइंस एंड रिसर्च, ओडिशा
- सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड नेचुरोपैथी, न्यू दिल्ली
- वेदांता सिवानंद योगा नटराजा सेंटर, दिल्ली
- राममणि इएँगन् मेमोरियल योग इन्स्टिच्यूट, पुणे
- कैवल्याधम ट्रेनिंग, पुणे
- स्वामी विवेकानन्द योग अनुसन्धान संस्थान, बंगलुरु
- बिहार योग पीठ, मुंगेर (बिहार)