IPS Aditya Kumar: गया के पूर्व SSP से 8 घंटे हुई पूछताछ, आदित्य कुमार ने दो आईपीएस अफसरों पर लगाया फंसाने का आरोप
गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार से मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने करीब सात से आठ घंटे पूछताछ की। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने आदित्य से वह मोबाइल फोन भी मांगा जिससे वह अन्य आरोपित अभिषेक अग्रवाल से चैट और बातचीत करता था। आदित्य ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए बिहार पुलिस के दो आईपीएस अफसरों पर ही उन्हें फंसाने का आरोप लगाया।
By Rajat KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 12 Dec 2023 09:20 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार से मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने करीब सात से आठ घंटे पूछताछ की। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने आदित्य से वह मोबाइल फोन भी मांगा, जिससे वह अन्य आरोपित अभिषेक अग्रवाल से चैट और बातचीत करता था।
आदित्य ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए बिहार पुलिस के दो आईपीएस अफसरों पर ही उन्हें फंसाने का आरोप लगाया।
डीजीपी को पैरवी के लिए फोन कराने का आरोप
वर्ष 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार पर निजी लाभ के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल के माध्यम से पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर तत्कालीन डीजीपी को पैरवी वाला फोन कराने का आरोप है। इस मामले के बाद से ही आदित्य फरार चल रहे थे।बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने पर आदित्य ने पांच दिसंबर को पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद उसे 18 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।इस बीच ईओयू को कोर्ट से आदित्य की 24 घंटे की रिमांड मिली थी, जो मंगलवार को पूरी हो गई। पूछताछ के बाद आदित्य कुमार को वापस बेउर जेल भेज दिया गया।
'डीजीपी को फोन नहीं कराया, न ही कोई फायदा हुआ'
ईओयू के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान आदित्य से उनका पुराना मोबाइल फोन मांगा। इस पर आदित्य ने जवाब दिया कि मोबाइल फोन कहीं गुम हो गया है, उन्होंने अभिषेक अग्रवाल से मित्रता की बात को खारिज करते हुए कहा कि उससे सामान्य जान-पहचान थी।
आदित्य ने तत्कालीन डीजीपी को पैरवी वाला फोन कराने के सवाल पर कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया। इससे मुझे कोई फायदा नहीं होने वाला था। अगर फायदा होता तो मेरे ऊपर चल रही विभागीय कार्यवाही खत्म हो जाती।सूत्रों के अनुसार, आदित्य ने पूछताछ में कहा कि उसने एक वरीय पुलिस अधिकारी के कुकुर्माें को लेकर पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा था। इसके कारण ही उसे फंसाया गया है। उसने शराब माफिया से गठजोड़ की बात से भी पूछताछ में इन्कार किया।
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