Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'पकड़ौआ शादी के डर से...', IPS Vikas Vaibhav ने सुनाया जोरदार किस्सा, बोले- IIT का पेपर लीक हुआ तो बड़ी पीड़ा हुई

IPS Vikas Vaibhav ने पेपर लीक और पकड़ौआ विवाह को लेकर अनोखा किस्सा सुनाया है। उन्होंने कहा कि एक समय में उन्होंने बड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई कर आईआईटी की परीक्षा दी थी। बाद में पता चला कि पेपर लीक हो गया जिसकी वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई। इससे अधिक दुख की बात यह थी कि पेपर लीक का मुख्य केंद्र बिहार था।

By Jagran NewsEdited By: Mukul KumarUpdated: Mon, 18 Dec 2023 11:46 AM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

डिजिटल डेस्क, पटना। IPS Vikas Vaibhav विकास वैभव इन दिनों अपने भाषण और गतिविधियों को लेकर देश भर में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बिहार में पेपर लीक और पकड़ौआ विवाह को लेकर एक अनोखा किस्सा सुनाया है। उन्होंने बताया कि 1997 में उन्होंने आईआईटी की परीक्षा दी थी।

उन्होंने कहा कि परीक्षा उनकी अच्छी हुई थी, वह अपने रिजल्ट को लेकर काफी पॉजीटिव थे। वह सोच रहे थे कि दो वर्षों की मेहनत आज रंग लाई है, अच्छे नंबर भी आएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद सुबह उठा तो देखा सामने मां खड़ी हैं, जिन्होंने उन्हें बताया कि पेपर लीक हो गया है। 

युद्ध फिर से लड़ने की बात

विकास वैभव ने कहा कि तब पेपर लीक की बात सुनकर बड़ी पीड़ा हुई, लगा ये क्या हो गया। उन्होंने कहा कि तब मन में एक ही बात आई, एक युद्ध जिसे अच्छे से जीते थे, उसे फिर से लड़ना है।

उससे भी अधिक पीड़ा तब हुई, जब पता चला कि पेपर लीक का केंद्र बिहार था। उन्होंने कहा कि इतिहास में आईआईटी का पेपर लीक पहली बार 1997 में हुआ था, जिसका केंद्र बिहार था।

तीन महीने बाद हुई परीक्षा

उन्होंने कहा कि इसके बाद तीन महीने बाद परीक्षा, जिसमें पास होने के बाद आईआईटी कानपुर में एडमिशन मिला। आईपीएस विकास ने बताया कि तब उनके पिता की पोस्टिंग बरौनी रिफाइनरी में थी।

उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर में पहला साल खत्म होने के बाद गर्मी की छुट्टी हुई, जिसको लेकर सभी लोग घर जाने को तैयार थे। विकास की भी टिकट हो गई थी, अचानक घर से फोन आया और बोला गया कि घर नहीं आना है। 

विकास ने आगे बताया कि घर से फोन पर कहा गया कि इस वक्त लग्न का समय चल रहा है, बेगूसराय और मोकामा में पकड़कर शादी कराई जाती है। उन्होंने कहा कि सोचिए, पूरा सामान पैक हो और उम्र 17-18 वर्ष की हो और घर जाने से रोक दिया जाए तो क्या मनोदशा होती होगी?   

यह भी पढ़ें- दारोगा भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र इंटरनेट पर वायरल, गिरोह का भंडाफोड़; इन इलाकों में हुई गिरफ्तारी      

यह भी पढ़ें- मधेपुरा में ट्रिपल मर्डर से सनसनी... एक ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या, यह है मामला