जिय हो बिहार के 'ईशान किशन'! मां थीं खिलाफ, पिता-भाई ने दिया साथ; शहर छोड़ने के फैसले ने बुलंदियों पर पहुंचाया
Ishan Kishan ईशान को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। सात साल की उम्र से ईशान किशन ने मैदान की ओर से कदम बढ़ाया तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे आज इस मुकाम तक पहुंचेंगे।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार के लाल और भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) ने बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे मैच में दोहरा शतक (Double Century) जड़ कर इतिहास रच दिया। यह कमाल करने वाले बाएं हाथ के ओपनर ईशान किशन दुनिया के सातवें और भारत के चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। उन्हें कप्तान रोहित शर्मा के स्थान पर टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने इस मौके का दोनों हाथों से पकड़ा और 126 गेंदों में डबल सेंचुरी लगाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। हालांकि, यहां तक पहुंचने से पहले ईशान किशन ने लंबा संघर्ष किया है।
पटना में जन्में, औरंगाबाद से है गहरा नाता
ईशान किशन का जन्म 18 जुलाई 1998 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। उनके पिता प्रणव कुमार पांडेय पेशे से एक बिल्डर हैं। ईशान का बिहार के औरंगाबाद जिले से भी गहरा नाता है। ईशान का पैतृक निवास औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल अंतर्गत गोरडीहा गांव में है। वहीं ईशान की दादी सावित्री सिन्हा नवादा में सिविल सर्जन थीं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने नवादा में ही अपना आशियाना बना लिया। हालांकि, क्रिकेटर के माता-पिता पटना में ही रहते हैं।
साल साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया
ईशान को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। सात साल की उम्र से ईशान किशन (Ishan Kishan) ने मैदान की ओर से कदम बढ़ाया, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे कभी इस मुकाम तक पहुंचेंगे। उनके बड़े भाई राज किशन भी क्रिकेट खेलते हैं। क्रिकेट को कैरियर बनाने के लिए उन्होंने ईशान किशन का भरपूर साथ दिया। हालांकि, मां बेटे के क्रिकेट खेलने को लेकर काफी चिंता में रहती थी। मां सुचित्रा सिंह बेटे को पढ़ाना चाहती थी। क्योंकि क्रिकेट के कारण ईशान पढ़ाई से दूर हो रहे थे। पढ़ाई में कमजोर होने के कारण एक बार तो उन्हें स्कूल से भी निकाल दिया गया था।
कोच के विश्वास ने शिखर पर पहुंचाया
एक तरफ मां की डांट थी, तो दूसरी तरफ पिता प्रणव पांडेय व बड़े भाई राज किशन का प्रोत्साहन। फिर कोच संतोष कुमार का साथ मिला, जिन्होंने ईशान की काबिलियत को किसी जौहरी की तरह तराशा। उन्होंने ईशान को शहर छोड़ने की सलाह दी, ताकि वे उच्च स्तर पर खेलने के लिए तैयार हो सके। मां इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी, लेकिन बेटे की जिद के आगे उन्होंने भी अनुमति दे दी।
बिहार में मौक नहीं मिला तो किया झारखंड का रुख
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के बीच पंजीकरण के मुद्दों के कारण ईशान अपने राज्य की तरफ से नहीं खेल सके। अपने कोच के कहने पर उन्होंने पड़ोसी राज्य झारखंड के लिए खेलना शुरू किया। ईशान भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट को अपना आदर्श मानते हैं।
IPL 2022 के सबसे महंगे खिलाड़ी बने
ईशान किशन ने मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अपना पहला मैच खेला। इससे पहले उन्होंने अंडर-19 विश्व कप के लिए बतौर कप्तान भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया है। वह घरेलू क्रिकेट में झारखंड और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियंस के लिए भी खेलते हैं। ईशान किशन इंडियन प्रीमियर लीग 2022 के सबसे महंगे खिलाड़ी रहे हैं।