Bihar Politics : बिहार में इजरायल-हमास युद्ध की एंट्री! विधानसभा के अंदर और बाहर प्रदर्शन-नारेबाजी, पहली बार हुआ ऐसा
Bihar Politics बिहार विधानसभा में सोमवार को शीतकालीन सत्र का पहला दिन इजरायल-हमास युद्ध की भेंट चढ़ गया। प्रदर्शन-नारेबाजी के बाद सत्र को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दरअसल भाकपा की ओर से इजराय-हमास युद्ध में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्ताव पढ़ने की मांग उठाई गई थी। इसे लेकर ही पूरी उठापटक शुरू हुई थी।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की सियासत में भी इजरायल-हमास युद्ध की एंट्री हो गई है। इसे लेकर विधानसभा के अंदर और बाहर प्रदर्शन-नारेबाजी हुई। विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ है जब शोक प्रकट करने के बाद मौन के दौरान नारेबाजी हुई।
बिहार विधानसभा में सोमवार को शीतकालीन सत्र का पहला दिना था। सदन में यह दृश्य पहली बार नजर आया कि शोक प्रकट करने के बाद दो मिनट के मौन के दौरान नारेबाजी हुई। नारेबाजी भी अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर हुई।
यह रही है परंपरा
आमतौर पर यह परंपरा है कि विधानसभा सत्र के पहले दिन उन जननायकों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिनका निधन विधानसभा सत्र के आरंभ होने के पहले हो गया होता है।
सोमवार को जब विधानसभा का शीतकालीन सत्र आरंभ हुआ तो इस परंपरा के तहत विधानसभा अध्यक्ष ने जननायकों को आसन से श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद उन्होंने दो मिनट के मौन के लिए सदस्यों से कहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य खड़े हो गए। इसी दौरान नारेबाजी होने लगी।
नारेबाजी से विधानसभा अध्यक्ष को लगा..
नारेबाजी सुनकर विधानसभा अध्यक्ष को लगा कि शायद किसी का नाम छूट गया है। उन्होंने अपने अधिकारी से इस बारे में पूछा। तब उन्हें स्पष्ट हुआ कि मामला कुछ अलग है।
दरअसल, भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम मांग कर रहे थे कि इजरायल के आक्रमण में फलस्तीन में जो बच्चे, महिलाएं व निर्दोष मारे गए उनके लिए भी विधानसभा में शोक प्रस्ताव पढ़ा जाए।
गाजा पर हमले को लेकर पोस्टर के साथ प्रदर्शन
इस मांग पर उनके साथ वामदल और एआइएमआइएम के अख्तरूल ईमान भी थे। विधानसभा परिसर में गाजा पर हमले बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शनइससे पहले सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने के पूर्व विधानसभा परिसर में भाकपा (माले) ने गाजा पर हमले बंद करने की मांग के साथ पोस्टरों के साथ प्रदर्शन किया।
माले नेताओं ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। पोस्टर पर लिखा गया था- भारत की विदेश नीति को इजरायल-अमेरिका धुरी के समक्ष गिरवी रखना बंद करो।
प्रदर्शन के दौरान माले विधायक महबूब आलम ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने बयान का हवाला देकर कहा कि उन्होंने कहा था कि भारत परंपरागत रूप से फलस्तीन की जनता की आजादी के साथ है।
वाजपेयी जी ने कहा था कि फलस्तीन की कब्जाई जमीन इजरायल को छोड़नी होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो फलस्तीन की जनता को जंग का एलान करने का हक है।
इन जननायकों को दी गयी श्रद्धांजलि
पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार चौधरी, पूर्व विधायक महेंद्र नारायण झा आजाद, विजय कुमार यादव, परवीन अमानुल्लाह, अनंत कुमार सत्यार्थी, राजीव नंदन व अर्जुन मंडल।
युद्ध पर जदयू-सीपीआईएमएल आमने-सामने
इजरायल-हमास युद्ध के मुद्दे पर विधानसभा में महागठबंधन में शामिल दो पार्टियां जदयू और सीपीआईएमएल आमने-सामने आ गए। इसे लेकर जदयू विधायक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि सीपीआईएमएल के विधायक आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मैं ऐसे विधायकों को जेल भेज देता। इन्हें गाजा पट्टी भेज दिया जाए। मैं टिकट करवा दूंगा।
इधर, सीपीआईएमएल के विधायक महबूब आलम ने कहा कि इजरायल के हमले में फिलिस्तीन के निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जदयू विधायक हमें नसीहत देने वाले कौन हैं? उन्होंने कहा कि मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति श्रद्धांजलि के लिए शोक प्रस्ताव लाया जाए। यह नरसंहार बंद होना चाहिए।
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