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Waqf Bill:'नमाज और जकात का भी दस्तूर नहीं', वक्फ बोर्ड पर PM मोदी के बयान पर मौलाना मदनी का पलटवार

पटना में जमीअत उलेमा-ए-हिंद की बिहार इकाई का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया इसमें सभी ने एक स्वर में वक्फ संशोधन बिल की निंदा की। साथ ही मौलाना अरशद मदनी ने जेडीयू और टीडीपी के नेताओं से बी वक्फ बिल का समर्थन न करने की अपील की। वहीं दूसरी ओर विहिप ने वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत करते हुए इसे शीघ्र लागू करने की मांग की।

By anil kumar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 25 Nov 2024 09:18 AM (IST)
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जमीअत उलेमा-ए-हिंद की बिहार इकाई का राष्ट्रीय सम्मेलन
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। जमीअत उलेमा-ए-हिंद की बिहार इकाई का भारतीय संविधान सुरक्षा एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन पटना के बापू सभागार में आयोजित किया गया। इस दौरान जमीअत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि वक्फ का संविधान में कोई स्थान नहीं है, अनुचित है। ऐसी बातों से समाज में नफरत फैलती है। वक्फ इस्लाम का एक अहम हिस्सा है। कुरान शरीफ और पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षा के अनुसार सदियों से मुसलमान अपनी संपत्तियों को जनकल्याण के लिए वक्फ करते रहे हैं।

वक्फ संशोधन बिल की निंदा

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भारतीय संविधान में नमाज, रोजा, हज, जकात आदि का भी उल्लेख नहीं है, जबकि यह सभी इस्लाम के स्तंभ हैं। वक्फ संशोधन बिल की निंदा करते हुए सभी ने इसे एक स्वर से खारिज कर दिया। मौलाना अरशद मदनी ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एनडीए में शामिल टीडीपी और जेडीयू खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताती है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्होंने वक्फ बिल को लेकर मुसलमानों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए विधेयक के समर्थन से खुद को अलग करने की अपील की।

आजादी के लिए कुर्बान हुए 33 हजार उलेमा

उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के लिए जमीयत उलेमा 1803 से लेकर 1947 तक हर मोर्चे पर संघर्ष करता रहा। आजादी के लिए 33 हजार उलेमा ने अपनी कुर्बानी दी है। हिन्दुस्तान हमारा मुल्क है, इस देश के संविधान ने सभी को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि नफरत की सियासत करने वालों को जनता ने झारखंड में सबक सिखाया है। सम्मेलन में वक्ताओं ने सभी धर्म व समाज के लोगों से एकजुट होकर हिंदूस्तान में प्रेम व सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने, संविधान की रक्षा करने की अपील की।

उपाध्यक्ष मौलाना सैयद असजद मदनी, जमीयत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना अशहद राशिदी, बिहार के अध्यक्ष मौलाना बद्र अहमद मुजीबी, पश्चिम बंगाल के मुफ्ती शमसुद्दीन, बनारस के मौलाना अब्दुल्लाह नासिर कासमी, मौलाना हैदरउल इस्लाम, मौलाना अनवर आलम समेत अन्य ने अपने विचार रखें।

विहिप ने वक्फ संशोधन विधेयक का किया स्वागत

एक ओर जहां जमीयत उलमा हिंद ने वक्फ संशोधन बिल की निंदा की वहीं दूसरी ओर विहिप ने वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत किया। विहिप विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह संयोजक अभिषेक आत्रेय ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 का हम स्वागत करते हैं। अपेक्षा करते हैं कि इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। इस विषय पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का विधि प्रकोष्ठ कई वर्षों से काम कर रहा है। वे रविवार को गांधी संग्रहालय में विश्व हिंदू परिषद (विधि प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित विचारगोष्ठी से पूर्व प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

आत्रेय ने वक्फ अधिनियम, 1995 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें कई त्रुटियां हैं। इस अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति को नोटिस देकर उसकी संपत्ति वक्फ की घोषित की जा सकती है, यानी किसी की भी संपत्ति छीनी जा सकती है। इस प्रविधान से न केवल गैर-मुस्लिम, बल्कि कई मुस्लिम समुदाय के लोग भी पीड़ित हैं। इतना ही नहीं, इस कानून के अंतर्गत न्याय के लिए आप सामान्य अदालत में भी नहीं जा सकते, मामले की सुनवाई केवल वक्फ ट्रिब्यूनल में ही होती है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि त्रिची में 1500 साल पुरानी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दिया गया। इसी प्रकार बिहार के फतुहा में भी ऐसा मामला सामने आया है, जो पूरे समाज में चर्चा का विषय बन गया है। वक्फ अधिनियम की धारा 40 के अनुसार, यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है, तो उस संपत्ति का मालिकाना हक सिद्ध करने की जिम्मेदारी असली मालिक पर आ जाती है। इस कारण वक्फ बोर्ड की ओर से दावा की गई संपत्ति स्वतः उनकी हो जाती है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में इस साल अप्रैल में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें वक्फ अधिनियम के प्रविधानों को चुनौती दी गई थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे प्रविधान किसी भी मुस्लिम देश में भी लागू नहीं हैं। इसलिए, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को शीघ्र लागू करना आवश्यक है, ताकि कब्जा की गई संपत्तियां सुरक्षित की जा सकें और पीड़ित व्यक्ति अन्य अदालतों में न्याय की गुहार लगा सके। प्रेस वार्ता में विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद, क्षेत्र विधि संयोजक अशोक श्रीवास्तव, दक्षिण बिहार प्रांत के विधि प्रमुख श्रवण कुमार, उत्तर बिहार के विधि प्रमुख रंजन सिंह और विहिप के प्रांत मंत्री संतोष मौजूद थे।

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