Patna ISKCON Temple: जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर के बाहर भीड़ पर पुलिस ने भांजी लाठियां, मची भगदड़; कई घायल
जन्माष्टमी पर पटना स्थित इस्कॉन मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देर शाम अनियंत्रित हो गई। पुलिस को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज में कई लोगों के घायल होने की सूचना भी मिली है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। बदइंतजामी के कारण लोगों का हुजूम मंदिर के गेट पर टूट पड़ा था।
जागरण संवाददाता, पटना। जन्माष्टमी के अवसर पर पटना स्थित इस्कॉन मंदिर के बाहर सोमवार की देर शाम हुई अप्रत्याशित भीड़ बेकाबू हो गई। जिसके बाद पुलिस-प्रशासन ने श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। इस दौरान एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। इनमें महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है।
लाठीचार्ज के बाद उत्तरी लेन (जीपीओ से तारामंडल) पर मंदिर के सामने सड़क जूते-चप्पलों से पट गई। किसी तरह लोगों ने स्वयं ही हालत पर काबू पाया। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि भीड़ काफी थी, लेकिन लाठीचार्ज नहीं हुआ। भगदड़ भी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन के पर्याप्त संख्या में बल की तैनाती की गई थी। अधिक भीड़ होने पर सिटी एसपी, सचिवालय डीएसपी, विधि-व्यवस्था डीएसपी एवं 10 थानेदारों को प्रतिनियुक्त किया गया था। हालात पर काबू पा लिया गया है। भीड़ में गिरने से किसी को चोट आई हो, लेकिन लाठीचार्ज और भगदड़ में चोटिल होने की सूचना नहीं है।
बदइंतजामी के कारण बेकाबू हुए हालात
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। बदइंतजामी के कारण लोगों का हुजूम मंदिर के गेट पर टूट पड़ा था। प्रबंधन के नाम पर बुद्ध मार्ग में वाहनों का आवागमन बंद था और मंदिर के गेट पर तीन इंस्पेक्टर, मजिस्ट्रेट और महिला एवं पुरुष मिलाकर करीब 20 लाठी पुलिस नजर आई थी।
वीआइपी लोगों की एंट्री होते ही पुलिसकर्मी भी उनके पीछे चले जाते थे। इस कारण काफी लोग प्रांगण में घुस गए थे। जब अंदर जाने के लिए भी जगह नहीं बची और लोग आपस में झगड़ने लगे, तब पुलिसकर्मियों की नींद टूटी। उन्होंने कुछ लोगों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ बेकाबू हो चुकी थी। इसके बाद पुलिसकर्मी लाठियां भांजने लगे।
की जानी चाहिए थी बैरिकेडिंग
इस्कॉन मंदिर में दर्शन करने आए रामकृष्ण नगर निवासी सागर वर्मा केंद्रीय बल में सहायक कमांडेंट हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर के आगे बैरिकेडिंग नहीं से भीड़ कई कतार में गेट तक पहुंच गई। भीड़ की औसत गणना कर प्रवेश और निकास द्वार के आगे बैरिकेडिंग की जानी चाहिए थी। महिलाओं और पुरुषों को कतार में निकाला जाना चाहिए थे। दोनों के लिए प्रवेश के अलग-अलग द्वार थे, लेकिन निकास एक ही रास्ते से था। इसके अलावा प्रांगण में बैठने पर रोक होने चाहिए थी।
लोग लाइन में लगकर दर्शन करते और बाहर निकलते तो भीड़ पर नियंत्रण करना आसान हो जाता। यह आदेश आम से खास तक के लिए लागू होना चाहिए था। एसएसपी ने पहुंच कर संभाली कमान लाठीचार्ज के बाद भीड़ की स्थिति बनने की खबर सुनकर एसएसपी स्वयं दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रांगण को खाली करवाया और सभी द्वारों पर बल की तैनाती की। इसके अलावा, अतिरिक्त बल भी मंगवाया।एसएसपी ने बताया कि भीड़ प्रबंधन के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश कराने के बाद लोगों को बाहर रोका जा रहा है। अंदर रहे श्रद्धालुओं पर बाहर निकालने के बाद फिर भेजा जा रहा है। बेवजह खड़े रहने वालों को गेट से हटाया गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।