Bihar Politics: 24 साल बाद नीतीश के नेता ने JDU से तोड़ा संबंध, CPI-ML का थामा हाथ; जाते-जाते दे दिया बड़ा बयान
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इससे पहले सीएम नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा झटका लगा है। 24 साल पुराने नेता ने अब सीपीआई-एमएल का हाथ थाम लिया है। बता दें कि बिन्देश्वरी सिंह ने जदयू का साथ छोड़ा है। उन्हें वामपंथी नेता के रूप में भी देखा जाता है। जदयू से जाने के बाद उन्होंने बड़ा बयान भी दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। वामपंथी व समाजवादी नेता बिन्देश्वरी सिंह ने शनिवार को भाकपा-माले की सदस्यता ग्रहण की। उन्हें माले के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य अमर और किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह ने संयुक्त रूप से सदस्यता दिलायी।
बिहार की राजनीति में 40 वर्षों से सक्रिय और 2000 के बाद जदयू के साथ राजनीति करने वाले बिन्देश्वरी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोहियावाद से पूरी तरह विश्वासघात किया है और आज उसे आत्मघाती स्तर पर पहुंचा दिया है। वे जदयू में रहते हुए सांप्रदायिक ताकतों के साथ जदयू के जाने का लगातार विरोध करते रहे हैं।
भूमि सर्वेक्षण के नाम पर अंचल कार्यालयों में मची है लूट : भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि विशेष भूमि सर्वेक्षण के नाम पर राज्य के सभी अंचल कार्यालयों में लूट मची हुई है। ऑनलाइन रजिस्टर-टू और जमाबंदी-टू दुरुस्त करने, जमा बंदी और खाता खोलने के नाम पर रैयतों से रिश्वत की मांग की जा रही है।रिश्वत नहीं देने वालों का कार्य नहीं किया जाता है। इस तरह के सैकड़ों मामले प्रत्येक दिन सामने आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अंचलाधिकारियों द्वारा प्रत्येक कट्ठा और प्रत्येक बीघा रेट तय कर दिया गया है।
जिन रैयतों के भूमि का कागजात बाढ़ या प्राकृतिक आपदा में बर्बाद हो गया है, वे जब अंचल कार्यालय जा रहे हैं तो उन्हें खुलेआम लूटा जा रहा है। यही हाल वंशावली को लेकर है। जानकारी के अभाव में लोग परेशान हो रहे हैं। भूमि सर्वेक्षण से जुड़े हुए पदाधिकारी रैयतों को मदद करने के बजाय लूटने में लगे हुए हैं।
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