Lok Sabha Election 2024: यूपी-झारखंड के साथ पूर्वोत्तर में भी जदयू की चुनावी तैयारी, आखिर क्या है Nitish Kumar का मेगा प्लान?
इंडिया ब्लॉक में अबतक सीटों की पहचान और बंटवारा नहीं हो पाया है फिर भी जदयू अपने स्तर से तैयारी में जुटा हुआ है। इसके तहत अरुणाचल पश्चिम के लिए जदयू उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है। जदयू मणिपुर में भी अपना उम्मीदवार देगा। वहीं ग्रामीण विकास मंत्री एवं उत्तर प्रदेश जदयू के प्रभारी श्रवण कुमार ने कहा कि यूपी में हमारी ताकत बढ़ी है।
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव में जदयू अपना विस्तार करेगा। वह पड़ोसी झारखंड के अलावा पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में भी उम्मीदवार देगा। मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार इसी लक्ष्य को साधने के लिए बार-बार आईएनडीआईए के घटक दलों के बीच जल्द सीटों के बंटवारे की सलाह दे रहे हैं। गठबंधन में अबतक सीटों की पहचान और बंटवारा नहीं हो पाया है, फिर भी जदयू अपने स्तर से तैयारी में जुटा हुआ है।
इसके तहत अरुणाचल पश्चिम के लिए जदयू उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है। जदयू मणिपुर में भी अपना उम्मीदवार देगा। ग्रामीण विकास मंत्री एवं उत्तर प्रदेश जदयू के प्रभारी श्रवण कुमार ने सोमवार को यहां कहा कि यूपी में हमारी ताकत बढ़ी है। लोकसभा चुनाव में पार्टी अपनी उपस्थिति चाहती है। इस समय हम सीटों की संख्या बताने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि चुनाव गठबंधन के आधार पर लड़ा जाएगा।
नीतीश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा
मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा लंबे समय से चल रही है। जदयू की उत्तर प्रदेश इकाई ने नीतीश से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। वैसे, उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने के संबंध में अंतिम निर्णय समाजवादी पार्टी से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा। पड़ोसी झारखंड में पिछले तीन वर्षों में जदयू की सक्रियता बढ़ी है। पार्टी के विस्तार के दृष्टिकोण से ही झारखंड के जदयू नेता खीरू महतो को बिहार से राज्यसभा भेजा गया है। राज्य के भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी झारखंड जदयू के प्रभारी हैं।'झारखंड में भी मुख्यमंत्री लोकप्रिय हैं'
उन्होंने कहा कि लोकसभा की कई सीटों पर हमारी तैयारी चल रही है। झारखंड में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकप्रिय हैं। हां, झारखंड में जदयू के चुनाव लड़ने का निर्णय गठबंधन के अन्य दलों से बातचीत पर निर्भर है। बिहार में जदयू उन सभी 16 सीटों पर तैयारी कर रहा है, जिनपर 2019 के चुनाव में उसकी जीत हुई थी। इकलौती हार वाली सीट किशनगंज के बदले जदयू सीमांचल का ही कोई दूसरा क्षेत्र चाह रहा है, जिसपर किसी अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया जा सके।
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