Bihar Politics : इस सीट को लेकर 'जोश' में JDU, नीतीश के तर्क के आगे कितना टिकेंगे I.N.D.I.A और औवैसी?
Bihar Politics बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो चुका है। अब सियासी दलों की नजर दूसरे चरण पर है। बहरहाल चुनावी रण में जदयू एक सीट पर अपने पुराने प्रदर्शन को लेकर काफी उत्साहित है। बता दें कि खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने प्रत्याशी के पक्ष में यहां रैली भी कर चुके हैं।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Lok Sabha Election 2024 : किशनगंज लोकसभा क्षेत्र (Kishanganj Lok Sabha Seat) की चुनावी बिसात 2019 की तरह ही इस बार भी बिछी है। कांग्रेस के मो. जावेद व एआईएमआईएम से अख्तरुल ईमान फिर मैदान में हैं। वहीं, जदयू प्रत्याशी का चेहरा नया है।
जदयू के टिकट पर मुजाहिद आलम मैदान में हैं। वर्ष 2009 से जदयू लगातार किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी देता रहा है, पर बात उसके पक्ष में नहीं बन रही। जदयू इस बार भी जोर लगाए हुए है।
नीतीश का तर्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सभा भी इस क्षेत्र में हो चुकी है। नीतीश कुमार का तर्क है कि अपने शासनकाल में उन्होंने मुस्लिम समाज के लिए काफी काम किए हैं। यही नहीं सांप्रदायिक हिंसा भी नहीं होने दी। मुस्लिम बहुल इस संसदीय क्षेत्र में जदयू का उत्साह उसके पुराने आंकड़े को लेकर भी है।पहले 2019 के आंकड़े को समझें
- वर्ष 2019 के लोकसभा के चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में जदयू के टिकट पर रहे सैयद महमूद अशरफ मात्र तीन प्रतिशत के अंतर से चुनाव हारे थे।
- कांग्रेस के प्रत्याशी मो. जावेद को 3,67,017 वोट आए थे और जदयू के प्रत्याशी सैयद महमूद अशरफ को 3 लाख 32 हजार, 551 वोट मिले थे।
- 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में जदयू को 2019 में 24.18 प्रतिशत वोट अधिक मिले थे। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी मो. जावेद के वोट में 19.83 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी।
- इसके बाद भी वह चुनाव जीत गए थे। वर्ष 2019 में भी मुकाबले में एआईएमआईएम था। उस समय भी अख्तरुल ईमान चुनाव मैदान में थे। उन्हें 2.95 लाख वोट आए थे। जदयू का कहना है कि नीतीश कुमार के काम पर वह आगे थे।
2014 के आंकड़े से आगे बढ़ाया जा रहा
जदयू (JDU) 2014 में हुए चुनाव के आंकड़े के साथ आगे बढ़ रहा है। उस समय हुए चुनाव में कांग्रेस (Congress) के मो. असरारुल हक को जीत मिली थी। उन्हें 53.15 प्रतिशत वोट मिले थे। उनके वोट में 14.96 प्रतिशत का इजाफा था।
दूसरे नंबर पर भाजपा (BJP) के डा. दिलीप कुमार जायसवाल थे। उन्हें 32.19 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा के वोट में 32.19 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। उस वर्ष के चुनाव में जदयू अकेले चुनाव मैदान में था। तब अख्तरुल ईमान जदयू के प्रत्याशी थे और उन्हें 55,822 वोट मिले थे।
जदयू को 2009 की तुलना में 19.37 प्रतिशत वोट कम आए थे। वर्ष 2009 में भी जदयू ने सैयद महमूद अशरफ को चुनाव में उतारा था और उन्हें 25.38 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस के प्रत्याशी मो. असरारुल हल को जीत मिली थी और उन्हें 38.19 प्रतिशत वोट आए थे।
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