Bihar Politics: 'राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता', एनडीए में शामिल होने को लेकर जदयू के दिग्गज नेता ने दिया बड़ा बयान
Bihar News दिल्ली में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद अब नेताओं के बयान भी सामने आने लगे हैं। इसी क्रम में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी का बयान सामने आया है। उन्होंने जेडीयू के एनडीए में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस को अड़े हाथों लिया है।
अरविंद शर्मा, पटना। JDU Meeting: नई दिल्ली देश की राजनीति में हफ्ते भर से लगाए जा रहे कयासों एवं चर्चाओं पर शुक्रवार को उस समय विराम लग गया, जब दिल्ली में जदयू कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को नया अध्यक्ष चुन लिया गया।
जदयू कार्यकारिणी में ललन सिंह ने ही नीतीश के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसपर कार्यपरिषद ने बिना किसी प्रतिरोध के मुहर लगा दी। नीतीश कुमार ने दूसरी बार पार्टी की कमान संभाली है। इस बीच पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी (kc tyagi) का बयान भी सामने आया है।
क्या एनडीए में जेडीयू होगा शामिल? केसी त्यागी ने दिया जवाब
केसी त्यागी (kc tyagi) ने कहा कि भाजपा के साथ जदयू के जाने के कयासों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा से हमारा लेना-देना नहीं। लेकिन भाजपा से पुरानी मित्रता के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। असहमति होती है। विचारों की भिन्नता होती है।
जदयू अपनी शर्तों पर राजनीति करती है। राजग में रहते हुए भी हमने समान नागरिक संहिता का समर्थन नहीं किया। इसीतरह राम मंदिर पर भी जब तक कोर्ट से फैसला नहीं आया तब तक हमारी लाइन भाजपा से अलग रही।
जाति आधारित गणना पर नीतीश कुमार ने कांग्रेस को घेरा
वहीं इससे पहले जाति आधारित गणना के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन को निशाने पर रखा। कार्यकारिणी और कार्यपरिषद की बैठक में जोर देकर कहा कि ‘कांग्रेस भी क्या कर रही है? घूम-घूम कर जाति गणना की बात कर रही है लेकिन कभी भी बिहार में हुए काम की प्रशंसा नहीं की।
नीतीश कुमार ने कहा कि मुंबई की बैठक में तय किया था कि इसे एजेंडे में शामिल किया जाएगा लेकिन कुछ लोगों ने विरोध किया और टल गया।
ध्यान रहे कि मुंबई की बैठक में ममता बनर्जी ने विरोध किया था और फिर कांग्रेस ने भी इसे प्रस्ताव में शामिल करने से टाल दिया। नीतीश की ओर से इस बयान के भी अर्थ निकाले जा रहे हैं कि वह गठबंधन नेताओं के कामकाज और सोच से बहुत सहमत नहीं हैं।
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