नीतीश के 'गंदी बात' वाले बयान के बचाव में NCERT की किताबों का दिया हवाला, बचाव में उतरे JDU के कई मंत्री
Bihar Politics बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विधानसभा में दिए गए बयान पर गुरुवार को विधान परिषद में काफी हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्ष के सदस्य खड़े होकर इस्तीफे की मांग करते रहे। वहीं सत्ता पक्ष के मंत्रियों ने अपने नेता का समर्थन और बचाव करने का फैसला लिया। इसी क्रम में जदयू नेता अशोक चौधरी ने एनसीईआरटी की किताबें सदन में लहरा दीं।
By AgencyEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 09 Nov 2023 05:40 PM (IST)
पीटीआई, पटना। Bihar Politics : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'गंदी बात' वाले बयान पर बवाल मचा हुआ है। अब जदयू पूरी तरह से अपने नेता के बचाव में उतर आई है। इसी क्रम में गुरुवार को विधानसभा सत्र में जदयू नेता एनसीईआरटी की किताबों की प्रतियां लेकर पहुंचे थे।
हालांकि, विपक्ष के हंगामे के चलते सदन को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा था। वहीं, दोपहर में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाने से जुड़े अहम विधेयक को मुहर लगाकर सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
NCERT की किताबों को सदन में लाए
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) से जुड़े मंत्री गुरुवार को अपने नेता के बचाव के लिए एनसीईआरटी की किताबों की प्रतियों से लैस होकर विधानसभा पहुंचे थे। दोनों सदनों में अभद्र भाषा के इस्तेमाल करने के आरोप को लेकर विवाद गहराया हुआ है।नीतीश कुमार के मीडिया के सामने और सदन में माफी मांगने के बाद अब मंत्री लेसी सिंह, शीला मंडल और अशोक चौधरी ने सीएम के बचाव में उतरने का फैसला लिया है।
लेसी सिंह ने नकारे भाजपा के आरोप
बता दें कि भाजपा का आरोप है कि मंगलवार को सदन में सीएम का भाषण सुनने के बाद मंत्री लेसी सिंह ने शर्म से अपना सिर झुका लिया था। हालांकि, लेसी सिंह ने इस आरोप का नकार दिया है।उन्होंने कहा कि जाति सर्वेक्षण और एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों के लिए कोटा में बढ़ोतरी जैसे ऐतिहासिक कदम से परेशान विपक्ष दल की यह ध्यान भटकाने की रणनीति है।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें.उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने माफी मांगकर उदारता दिखाई है। लेकिन, देखा जाए तो स्पष्ट रूप से भाजपा उन्हें बदनाम करने के एजेंडे पर काम कर रही है। इसलिए अब हम उनसे सीधे तौर पर निपटेंगे।
गुरुवार को विधान परिषद में जब कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा एमएलसी सदन में खड़े थे और सीएम पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
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