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जदयू ने लालू यादव से मांगा मिट्टी का हिसाब, जारी किया गुनाहनामा

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू यादव से मिट्टी का हिसाब मांगा है, इसके साथ ही उन्होंने गुनाहनामा जारी करते हुए उनसे कई सवाल किए हैं।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Sat, 16 Sep 2017 10:31 PM (IST)
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जदयू ने लालू यादव से मांगा मिट्टी का हिसाब, जारी किया गुनाहनामा

पटना [जेएनएन]। जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का गुनाहनामा जारी किया है। नीरज कुमार ने गुनाहनामा का शीर्षक दिया है- संपत्ति लालची दुर्योधन रूपी लालू एंड कंपनी का गुनाहनामा।

उसके बाद उन्होंने उसमें लिखा है कि राजद कार्यकर्ता, असामाजिक तत्व सहित मांगे लालू से मिट्टी का हिसाब।नीरज कुमार ने लिखा है कि 27 अगस्त 2017 के राजद द्वारा आयोजित रैली, जो हमारी नजर में संपत्ति बचाओ रैली है जिसमें लालूजी ने अपने कार्यकर्ताओं को एक-एक मुट्ठी मिट्टी साथ लाने का आदेश दिया था, जिसका अनुपालन आपने किया था।

नीरज कुमार ने कहा है कि रैली में लालूजी आपको अपने पारिवारिक आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोपी पुत्र को विभिन्न दलों के बड़े नेताओं के ऊपर तरहीज देकर उनकी छद्म राजनैतिक औकात का एहसास कराते हुए ताजपोशी करनी थी, जो आपने कर दी, लेकिन आपके आदेश पर कार्यकर्ताओं द्वारा लाये गए मिट्टी के लिए न तो मंच से धन्यवाद दिया और न ही चर्चा करना आपके पुरे परिवार ने मुनासिब समझा।

आखिर कार्यकर्ताओं  असामाजिक तत्व सहित, का गुनाह क्या है ? एक राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में दलीय प्रतिबद्धता के वाबजूद विपक्ष के राजनैतिक कार्यकर्ताओं के सम्मान का संस्कार रहना जरूरी है।

ऐसी स्थिति में राजद के असामाजिक तत्व सहित कार्यकर्ता यह जानने को बेचैन होंगे कि 27 अगस्त 2017 को गांधी मैदान, पटना में आयोजित रैली में कार्यकर्ताओं के मेहनत की बदौलत संग्रहित की गयी मिट्टी के लिए मंच से धन्यवाद क्यों नहीं दिया गया?

नीरज कुमार ने पूछा है कि कार्यकर्ताओं (असामाजिक तत्व सहित) के मेहनत की बदौलत संग्रहित की गई मिट्टी गांधी मैदान, पटना में आयोजित रैली में प्रदर्शित क्यों नहीं किया गया? चूंकि मिट्टी से आपके राजनैतिक नाश की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है, तो संग्रहित मिट्टी को किस बेनामी और नामी संपत्ति में इस्तेमाल किया गया- जमीन का खाता नंबर, खसरा नंबर, जमाबंदी एवं मालिकाना हक का दस्तावेज जाहिर करें जिससे कार्यकर्ताओं (असामाजिक तत्व सहित) को आत्मिक संतुष्टि मिल सके।

सीबीआई, आयकर विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय के भय से कार्यकर्ताओं द्वारा संग्रहित किये गए मिट्टी को अगर बेचा है तो खरीददार का नाम सार्वजनिक करें। आपने अपने परिवार के किस सदस्य के बैंक खाते में बिक्री के कुल धन को जमा किया यह बताये एवं बिक्री से हुए आय को सार्वजनिक करें।

नीरज कुमार ने कहा है कि रैली के 19 दिन गुजर जाने के बाद भी कार्यकर्ता (असामाजिक तत्व सहित) मिट्टी का सार्वजनिक विवरण घोषित न होने से राजनैतिक रूप से शोकाकुल हैं, एवं आपने अपने लोभवश मिट्टी लाने को विवश कर कार्यकर्ताओं (असामाजिक तत्व सहित) का विश्वास हनन कर उनकी भावनाओं का अपमान किया है जो कदाचित उचित नहीं है।

राजद कार्यकर्ताओं (असामाजिक तत्व सहित) को उम्मीद है कि आपके परिवार के किसी सदस्य द्वारा रैली में आये हुए मिट्टी का ब्योरा/आय को 24 घंटे के अंदर सार्वजनिक करेंगे, नहीं तो यह माना जायेगा कि भागते भूत की लंगोटी, की तरह आपने मिट्टी घोटाला के साथ साथ राजद कार्यकर्ताओं (असामाजिक तत्व सहित) के परिश्रम का घोटाला कर दिया।

अगर आपने सवाल का यथोचित जवाब नहीं दिया तो इसका मतलब साफ है कि आपने संपत्ति जब्ती के संभावित अनुमान के पूर्व ही भय वश मिट्टी का नामी/बेनामी अथवा बिक्री कर निम्न स्तर के अनैतिक आर्थिक भ्रष्टाचार को जन्म दिया है।

जो आपके राजनैतिक स्वभाव का अंग है। जिसका दुष्परिणाम आपको भुगतना पड़ेगा, बिहार के आपके राजद कार्यकर्ता(असामाजिक तत्व सहित) आपके छल-प्रपंच से अर्जित की गयी मिट्टी की कमाई से आपके राजनैतिक सर्वनाश का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

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