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Bihar Politics: शराबबंदी पर प्रशांत किशोर ने खड़ा किया सवाल, नीतीश की पार्टी ने 24 घंटे में दे दिया जवाब

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर उनकी सरकार आई तो प्रदेश में सबसे पहले शराबबंदी को खत्म किया जाएगा। उनके बयान पर अब नीतीश कुमरा की पार्टी जदयू ने प्रतिक्रिया दी है। जदयू नेता उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा है कि प्रशांत किशोर को अपनी सामाजिक समझ को विकसित करने की जरूरत है। कुशवाहा ने कहा शराबबंदी से माताओं-बहनों को फायदा हुआ है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 13 Sep 2024 06:47 PM (IST)
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जन सुराज नेता प्रशांत किशोर और बिहार CM नीतीश कुमार। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश जदयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को कहा कि शराबबंदी कानून से सबसे अधिक फायदा बिहार की माताओं-बहनों को हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू कर प्रदेश के करोड़ों घरों में खुशियां बिखेरने का काम किया है, इसलिए प्रशांत किशोर द्वारा शराबबंदी हटाने की बात कहना उनके महिला विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।

उन्होंने कहाकि शराबबंदी का महत्व जानने के लिए प्रशांत किशोर को सामाजिक समझ विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून से महिलाओं के खिलाफ होने वाले घरेलू हिंसा में बड़े स्तर पर कमी दर्ज की गई है।

कुशवाहा ने कहा कि गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति में भी व्यापक सुधार आया है। शराबबंदी कानून को राजनीतिक मुद्दा बनाने के बजाय समाज सुधार की दिशा में इसके फायदे को समझने हेतु प्रशांत किशोर को अपनी सामाजिक समझ विकसित करने की जरूरत है।

राजद ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया: राजीव रंजन प्रसाद

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि राजद ने बिहार के लिये क्या किया है? तेजस्वी यादव के झूठे दावों पर बिहार की जनता को भरोसा नहीं है, क्योंकि पिछले 34 वर्षों में शासन के दो माडल जनता देख चुकी है। राजद ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी बार-बार बिहार में अपराध की कथित बढ़ती घटनाओं के भ्रामक आंकड़े रखते रहते हैं, जबकि यदि प्रति लाख व्यक्तियों पर यदि आंकड़े देखे जाएंगे तो बिहार कानून व्यवस्था के मामले में बेहतर राज्यों में माना जाएगा।

उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 तक लोमहर्षक नरसंहारों, अपहरण, बाहुबलियों की समानांतर सरकारें, जातीय सेनाओं के बीच संघर्ष एवं बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन के लिए जाना जाता है। दूसरी ओर, 2005 से 2024 कानून का शासन, जातीय सेनाओं की समाप्ति, बाहुबलियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने एवं वर्ग संघर्ष के खात्मे के लिए जाना जाता है। यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मजबूत इच्छाशक्ति एवं प्रशासनिक कौशल से संभव हुआ।

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