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महिला आरक्षण विधेयक को I.N.D.I.A में शामिल JDU का समर्थन, ललन सिंह ने सदन में सुनाई खूब खरी-खोटी

संसद में महिला आरक्षण विधेयक को जदयू ने समर्थन दिया है। आईएनडीआईए महागठबंधन में शामिल इस पार्टी ने समर्थन देने के साथ ही इस विधेयक को इस समय सदन में लाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना भी की। संसद में जारी बहस के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने काफी जोर-शोर से अपनी बात रखी।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 20 Sep 2023 01:55 PM (IST)
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महिला आरक्षण विधेयक को I.N.D.I.A में शामिल JDU का समर्थन, ललन सिंह ने सदन में सुनाई खूब खरी-खोटी
जागरण डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। संसद में महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) को जदयू (JDU) ने समर्थन दिया है। आईएनडीआईए महागठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) में शामिल इस पार्टी ने समर्थन देने के साथ ही इस विधेयक को इस समय सदन में लाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना भी की। 

संसद में जारी बहस के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने काफी जोर-शोर से अपनी बात रखी। उन्होंने विधेयक (Bill) का समर्थन तो जरूर किया, लेकिन केंद्र सरकार को काफी खरी-खोटी भी सुनाई।

2024 का चुनावी जुमला

जदयू सांसद ललन सिंह (Lalan Singh) ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद महिलाओं को संसद में या विधानसभा में आरक्षण देना नहीं है।

ये 26 पार्टियों का जो आईएनडीआईए गठबंधन बना है, उसका पैनिक रिएक्शन है। इनकी कोई मंशा नहीं है। ये जुमला है सबसे बड़ा। 2024 का चुनावी जुमला (Chunavi Jumla) है।

महिलाओं को छलने का काम : ललन

उन्होंने कहा कि ये महिलाओं को छलने का काम इस बार करना चाहते हैं। 2014 में इन्होंने इस देश के बेरोजगारों को छला- 2 करोड़ लोगों को रोजगार का वादा करके। 2014 में इन्होंने इस देश के गरीबों को छला- कालाधन लाएंगे, सबके खाते में 15 लाख-20 लाख पहुंचाएंगे।

उन्होंने कहा कि इस बार इस देश की महिलाओं को ये छलना चाहते हैं। इनकी मंशा नहीं है। अगर इनकी मंशा होती तो 2021 में इन्होंने जातीय आधारित जनगणना प्रारंभ कराई होती।

इसलिए कि इस देश की मांग है, आवश्यकता है कि जातीय आधारित जनगणना (Caste Based Census) आप कराएं। इस सदन में मांग होती रही, पर आप नहीं कराए। क्योंकि आपको कराना नहीं है।

अब तक जनगणन खत्म हो गई होती

आप गरीबों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों के प्रति न्याय करने में आपका विश्वास नहीं है, आपका भरोसा नहीं है। इसलिए आपने जनगणना नहीं कराई। आपने कराई होती तो अब तक जनगणना खत्म हो गई होती।

आज लागू हो गया होता महिला आरक्षण बिल, बल्कि इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन आपकी मंशा ही नहीं है।

आपने 334ए प्रावधान जो किया है, वो अनिश्चितकाल तक चलता रहेगा और 2024 का भारी जुमलेबाजी करके महिलाओं को छलने का काम करेंगे।

लेकिन महिलाएं और देश की जनता जान गई है कि आप भारी जुमलेबाज हैं, आपके किसी जुमले पर उसको भरोसा नहीं है।

ललन सिंह बोले- बिहार से सीखो यार... 

इसके बाद सदन में ललन सिंह (Lalan Singh) की इन बातों को लेकर विपक्ष की ओर से आवाज उठी तो उन्होंने कहा कि बिहार से जरा सीखो यार... बिहार से सीखो.. अभी बता रहे हैं।

ललन ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जो 2005 में सरकार बनी और 2006 में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया।

2015 में सरकार बनी, महागठबंधन की सरकार बनी, 2016 में राज्य सरकार की सारी सेवाओं में 35 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया। ये एक साल के अंदर हुआ। आपकी तरह साढ़े चार साल इंतजार नहीं करते रहे।

आईएनडीआईए की बैठक से बड़ी घबराहट

उन्होंने कहा कि सदन में विधेयक पारित कराने के लिए आंकड़े तो आपके पास पहले भी थे, तब क्यों नहीं किया? जब आईएनडीआईए की पटना, बेंगलुरु और मुंबई में बैठक हुई तो आपको घबड़ाहट हो गई। इसी घबड़ाहट में आप ये विधेयक लेकर आए।

ललन सिंह (Lalan Singh) ने इस दौरान बिहार सरकार की जीविका समूह जैसी उपलब्धि भी गिनाई। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ 30 लाख ग्रामीण महिलाओं को बिहार की सरकार (Bihar Government) ने जीविका समूह (Jeevika Didi) के माध्यम से सशक्त करने का कमा किया है। आपको महिला सशक्तिकरण से क्या मतलब है?

आपको इससे कोई मतलब नहीं है। इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से कोई मतलब नहीं है। इस सरकार को अपनी कुर्सी से मतलब है। उसे बचाए रखने के लिए कोई भी जुमला ये कर सकते हैं।

इसके बाद ललन सिंह ने जातीय आधारित जनगणना को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए और खूब खरी-खोटी सुनाई। हालांकि, अपनी बात को विराम देने से पहले उन्होंने कहा कि जदयू महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करती है।

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