JDU 'जाति' देखकर नहीं बनाएगी जिला प्रभारी, दीपावली के बाद आ सकती है सूची; स्थानीय स्तर पर हलचल तेज
Bihar Politics बिहार में जदयू जिला प्रभारियों के नाम तय कर रही है। इसकी सूची बनाने में स्थानीय समीकरण को ध्यान में रखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जिला के आधार पर जारी नहीं हुई है। ऐसे में विधानसभा क्षेत्र में किस तरह के सामाजिक समीकरण हैं इसका ख्याल रखा जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics : बिहार में जदयू ने विधानसभा प्रभारी की जगह जिला प्रभारियों के नाम तय करने शुरू कर दिए हैं। काफी दिनों से यह कवायद चल रही थी।
गौरतलब यह है कि नए नाम तय करने में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट की जगह स्थानीय समीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है। उच्च स्तर पर इस सूची की पड़ताल हो चुकी है।
सामाजिक समीकरण को बनाया आधार
जानकारी के अनुसार, यह देखा जा रहा है कि विधानसभा क्षेत्रों में किस तरह का सामाजिक समीकरण है। इसका आधार यह है कि किस जाति के लोगों की संबंधित क्षेत्र में बहुलता है।
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट अभी जिले के आधार पर जारी नहीं हुई है। इसके अलावा परेशानी यह है कि जिले की समेकित रिपोर्ट से भी स्थानीय स्तर पर सामाजिक समीकरण को साधने में परेशानी है।
इसलिए यह तय किया गया है कि विधानसभा के हिसाब से सामाजिक समीकरण को केंद्र में रखा जाए। स्थानीय विधायकों की भी राय ली गई है।
पूर्व विधायकों को भी जिम्मेदारी
जिला प्रभारियों की जो सूची आरंभिक तौर पर बनी है, उसमें पार्टी के पदाधिकारियों को ही शामिल किया गया है। संबंधित जिले व विधानसभा क्षेत्र के आधार पर सामाजिक समीकरण का ख्याल रख जिला प्रभारी बनाए गए हैं।
कई पूर्व विधायकों को भी जिम्मेदारी दी जा रही है। संभावना है कि धनतेरस के पहले प्रभारियों की सूची जारी हो जाए। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि त्योहार के पहले वे खुद से संबंधित जिले में कम से कम एक बार जा सकें। एक जिले में तीन से चार प्रभारी हो सकते हैं।
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