Lok Sabha Election 2024 : नए साल में JDU का मास्टर प्लान तैयार, चुनावी गहमागहमी के बीच इस मुद्दे से बढ़ाएगा टेंशन
Bihar News नए साल में बिहार चुनावी बिसात पर आगे बढ़ने के लिए अब तैयार होने लगा है। इसी क्रम में जदयू ने अपने तरकश में तीर भरना शुरू कर दिया है। जदयू प्रदेश के ऐसे मुद्दों को हवा देने की तैयारी में है सीधे जो आमजन से जुड़े हुए हैं। इनका प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जनता को ही लाभ होना है।
राज्य ब्यूरो, पटना। नए साल में चुनावी गहमागहमी के बीच बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग खूब गूंजेगी। राज्य कैबिनेट ने बीते वर्ष के नवंबर महीने में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के संबंध में एक प्रस्ताव को पारित भी किया था।
अब चुनाव में इस मुद्दे की चर्चा बड़े स्तर पर जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के साथ जोड़कर होगी। जदयू तर्कों के साथ इस मुद्दे पर जोरदार अंदाज में केंद्र पर हमलावर होने की तैयारी कर रहा है।
कुछ इस तरह से बात आगे बढ़ेगी
जाति आधारित गणना के क्रम में राज्य सरकार ने लोगों की आर्थिक स्थिति का भी सर्वे कराया था। सर्वे के दौरान इस बात की रिपोर्ट भी बनी थी कि बिहार में ऐसे लोगों की संख्या कितनी है जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है।रिपोर्ट के अनुसार 94 लाख परिवार ऐसे हैं जो अत्यंत ही गरीब है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे परिवार के एक व्यक्ति को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता करना चाहते हैं ताकि संबंधित व्यक्ति कोई रोजगार कर ले।
इसके लिए ढाई लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। अगर राज्य सरकार अपने खजाने से यह काम करती है तो इस काम में पांच वर्ष लगेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है तो यह काम पांच वर्ष से पहले पूरा हो सकता है।इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ यह बात भी होगी कि राज्य सरकार गरीबों की मदद को ले जो बात कह रही उसे केंद्र अनसुनी कर रहा।
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