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नीतीश कैबिनेट से मांझी के बेटे के इस्तीफे की यह है सियासी कहानी, 'हम' को कबूल नहीं JDU की शर्त

जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफे के बाद कहा कि अस्तित्व बचाने के लिए बाहर हुए हैं। बहुत दिनों से इसपर विचार हो रहा था। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद ही निर्णय लिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Tue, 13 Jun 2023 01:22 PM (IST)
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नीतीश कैबिनेट से मांझी के बेटे के इस्तीफे की यह है सियासी कहानी, 'हम' को कबूल नहीं JDU की शर्त
पटना, जागरण डिजिटल डेस्क। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमार सुमन मांझी (Santosh Suman Manjhi) ने नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) से इस्तीफा देकर नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार को बड़ा झटका दिया है।

इस्तीफा देने के बाद संतोष मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद ही फैसला लिया गया है। हालांकि, उन्होंने अभी महागठबंधन से अलग होने की बात से इनकार किया है। साथ ही एनडीए में जाने के सवाल पर कहा कि अभी ऐसा नहीं सोचे हैं।

सूत्रों की मानें तो हम पार्टी पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय का दबाव था। जदयू के शीर्ष नेता लगातार हम पार्टी की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा की मांग कर रहे थे। हालांकि, संतोष मांझी (Santosh Manjhi) को यह मंजूर नहीं था। 

हक मांगना हमारा हक- संतोष सुमन 

संतोष मांझी ने मीडिया से कहा कि पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में हम की तरफ से पांच सीटों की मांग की जा रही थी। ये नहीं कहा कि इतनी ही सीट चाहिए। हक मांगना हमारा हक है।

संतोष मांझी बोले- बहुत दिनों से शिकार की हो रही थी कोशिश

वहीं, 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक में शामिल होने को लेकर संतोष मांझी ने कहा कि जब हमें बुलाया ही नहीं गया, हमें एक पार्टी के रूप में मान्यता ही नहीं मिली, तो हम लोग बैठक में कैसे जा सकते हैं। मांझी ने कहा कि जंगल में बहुत से जानवर होते हैं। बहुत दिनों से शिकार की कोशिश हो रही थी। अब पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी, जिसके बाद विचार किया जाएगा।

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