Bihar Politics: बिहार में दो दिवसीय दौरे से विधानसभा उपचुनाव का महौल बना गए नड्डा, यहां पढ़ें खास बात
बिहार में राजग की जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार किया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद के शासन में अति पिछड़ों दलितों का शोषण हुआ। वहीं राजग सरकार ने विकास कार्यों से राज्य का उत्थान किया है। नड्डा ने आरक्षण और संविधान को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर भी सफाई दी।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में राजग राज कायम रखने के लिए शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संकेत में मतदाताओं के बीच चार सीटों (रामगढ़, तरारी, बेलागंज, इमामगंज) पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव के लिए जीत की भूमिका बांध गए।
बिहार के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन नड्डा ने पटना एवं मुजफ्फरपुर के कार्यक्रम में विपक्ष के साथ ही आधार मतदाताओं के बीच संदेश देने का भरसक प्रयास किया। भाजपा की धुर विरोधी राजद के विरुद्ध भी जनता जनार्दन को सावधान कर गए।
हरा गमछा और हरी टोपी वालों के डेढ़ दशक के राज में अति पिछड़ों एवं दलितों के साथ हुए शोषण-उत्पीड़न एवं अत्याचार की याद दिलाकर भविष्य में गलती से बचने की नसीहत दी। यही नहीं, राजद राज में हुए जातिगत संघर्ष के प्रति सावधान किया।
साथ ही राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन में विकास कार्यों से हुई तरक्की व उलब्धियां गिनाकर भविष्य के लिए सुनहरे सपने भी दिखाने से नहीं चुके।
आरक्षण और संविधान का डर दिखाकर आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस) की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर भी नड्डा ने सूक्ष्म स्तर पर सामाजिक समीकरण स्पष्ट कर गए।
बकौल नड्डा, मोदी सरकार के 71 मंत्रियों में 10 अनुसूचित जाति से, 27 पिछड़ा वर्ग से एवं पांच मंत्री आदिवासी हैं। नड्डा ने दावा किया कि भाजपा में कार्यकर्ताओं को समान अवसर प्राप्त होते हैं।
इससे विपरीत देश के विभिन्न राजनीतिक दलों में अगर कोई किसी खास परिवार, विशिष्ट खानदान या विशेष जाति से है, तभी पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है। आइएनडीआइए में सम्मिलित सभी पार्टियां इसका प्रमाण है। कांग्रेस, राजद, सपा एवं एनसी जैसी पार्टियां आरक्षण अपने परिवार को देती है।
वहीं, भाजपा में एक साधरण कार्यकर्ता प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष जैसे पदों पर पहुंचता है। खाजेकला में भाजपा के मंच पर उपस्थित राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष एवं बूथ अध्यक्ष आपके सामने प्रमाण हैं।
भाजपा को बताया दलितों का सच्चा हितैषी
नड्डा यह भी बता गए कि भाजपा में अधिकारों की समानता के साथ-साथ अवसर की भी समानता है। भाजपा में कोई बड़ा या छोटा नहीं, सभी को समान अवसर प्राप्त होते हैं।
देश के विभिन्न राजनीतिक दलों में अगर कोई किसी खास परिवार, विशिष्ट खानदान या विशेष जाति से है, तभी पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है, भाजपा में एक गरीब घर से आने वाले नरेन्द्र मोदी जैसे साधारण व्यक्ति भी देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
भाजपा गांव, गरीब, वंचित, दलित, शोषित, किसान, युवा, महिला सशक्तिकरण की पार्टी है। आइएनडीआइए वालों ने दलितों के साथ राजनीति की, उनको हक नहीं दिया और उनकी चिंता नहीं की। भाजपा ही दलितों की चिंता की और उनके लिए कार्य किया।
कांग्रेस पार्टी ने तो डॉ. भीमराव अंबेडकर को दो बार लोकसभा में जाने से रोकने के लिए हर तरह से प्रयास किए। वहीं, भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न देने का कार्य किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहब को समर्पित करते हुए 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की।
2014 से पूर्व संविधान दिवस नहीं मनाया जाता था, कांग्रेस की दलितों के प्रति कोई आस्था नहीं थी। दलितों के वोटबैंक की राजनीति तो की जाती थी लेकिन उनकी चिंता नहीं की जाती थी, उनकी चिंता नरेन्द्र मोदी ने की।
अंबेडकर की जन्मभूमि पर एक बड़ा मेमोरियल बनाया गया, लंदन में जहां उनकी शिक्षा हुई थी उस भूमि को खरीद कर भारत सरकार ने उसे शिक्षा भूमि बनाया और इसी तरह से नागपुर में दीक्षा भूमि बनाई और दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि बनाई गई।
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