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कांतेश औरंगाबाद और विनय बनाए गए भोजपुर एसपी, इन जिलों में भी भेजे गए आइपीएस अधिकारी

बिहार सरकार ने बुधवार को सात आइपीएस अफसरों का तबादला कर दिया। औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका की जगह कांतेश कुमार मिश्रा को नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वहीं विनय तिवारी को राकेश दुबे की जगह भोजपुर की कमान दी गई है।

By Vyas ChandraEdited By: Updated: Wed, 14 Jul 2021 06:42 PM (IST)
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कांतेश मिश्रा बनाए गए औरंगाबाद के एसपी। प्रतीकात्‍मक फोटो
पटना, आनलाइन डेस्‍क। राज्‍य सरकार के गृह विभाग ने बुधवार को सात आइपीएस अधिकारियों को इधर से उधर किया। पहले भोजपुर एवं औरंगाबाद के एसपी को हटाया गया। अब भारतीय पुलिस सेवा के पांच अन्‍य अफसरों का तबादला किया गया है। कांतेश कुमार मिश्रा (Kantesh Kumar Mishra) को औरंगाबाद का एसपी बनाया गया है। वहीं विनय तिवारी (Vinay Tiwari) भोजपुर के एसपी होंगे। इसके अलावा तीन अन्‍य आइपीएस अफसरों (IPS Officers) को भी जिले में भेजा गया है। 

सुधीर पोरिका की जगह लेंगे कांतेश मिश्रा 

2015 बैच के आइपीएस अधिकारी कांतेश कुमार मिश्रा पटना में पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण (SP Rural) के पद पर कार्यरत थे। वे सुधीर कुमार पोरिका की जगह लेंगे। इसी बैच के विनय तिवारी भी पटना में पुलिस अधीक्षक, नगर (मध्‍य) के पद पर पदस्‍थापित थे। वे राकेश कुमार दुबे की जगह लेंगे। 

2017 के तीन आइपीएस अधिकारी भेजे गए जिले में 

इनके अलावा 2017 बैच के आइपीएस अधिकारी स्‍वर्ण प्रभात, विनीत कुमार एवं अंबरीश राहुल को भी जिले में भेजा गया है। स्‍वर्ण प्रभात पटना में सहायक पुलिस अधीक्षक (विधि व्‍यवस्‍था) के पद पर कार्यरत थे। उन्‍हें भागलपुर का नगर पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वहीं विनीत कुमार को दानापुर के एसडीपीओ से अब पटना ग्रामीण के एसपी की जिम्‍मेदारी दी गई है। उधर अंबरीश राहुल को बाढ़ के एसडीपीओ से पटना मध्‍य का एसपी बनाया गया है।   

बालू खनन मामले में कई अधिकारी रडार पर 

बता दें कि ईओयू की जांच रिपोर्ट के आधार पर दो पुलिस अधीक्षकों को जिले से हटाकर पुलिस मुख्‍यालय बुलाया गया है। उनकी जगह नए तेज तर्रार आइपीएस ऑफिसर को जिले की कमान सौंपी गई है। कई अन्‍य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई। आरंभ में ही उम्‍मीद जताई जा रही थी कि शाम तक कई अधिकारियों का तबादला हो सकता है। बता दें कि अवैध बालू खनन को लेकर सरकार गंभीर है। इस क्रम में बालू माफिया पर शिकंजा नहीं कस पाने के कारण पुलिस अफसरों पर कार्रवाई हो रही है। 

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