Karpuri Thakur Jayanti: कर्पूरी ठाकुर तो सिर्फ बहाना है! लालू-नीतीश का असली टारगेट तो ये है
कर्पूरी की विरासत वोट बैंक के रूप में 36 प्रतिशत से अधिक की अति पिछड़ी जातियों की आबादी है जिसकी मदद से कोई भी दल अपराजेय हो सकता है। इसी आबादी के बल पर लालू प्रसाद 15 साल शासन में रहे। इसी आबादी के दम पर नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में अपरिहार्य बने हुए हैं। यह आबादी उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी भी है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Karpuri Thakur Jayanti ऐसे तो बिहार की राजनीति में जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा प्रासंगिक रहे हैं, लेकिन चुनावी वर्ष होने के कारण इस वर्ष उनकी चर्चा अधिक हो रही है। संयोग यह कि इसी 24 जनवरी को उनकी सौंवी जन्मतिथि भी है। जदयू और राजद उन पर अपना एकाधिकार मानता है, इसबार भाजपा भी कर्पूरी की विरासत में अपना हिस्सा लेने का प्रयास कर रही है।
कर्पूरी की विरासत वोट बैंक के रूप में 36 प्रतिशत से अधिक की अति पिछड़ी जातियों की आबादी है, जिसकी मदद से कोई भी दल अपराजेय हो सकता है। इसी आबादी के बल पर लालू प्रसाद 15 साल शासन में रहे। इसी आबादी के दम पर नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में अपरिहार्य बने हुए हैं। यह आबादी उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी भी है।
2005 के बाद बनी ये धारणा
2005 के बाद यह धारणा बनी कि नीतीश कुमार जिधर रहेंगे, अति पिछड़ी जातियां उनके साथ चलेंगी। 2023 के जाति आधारित गणना के बाद नीतीश ने अति पिछड़ी जातियों का आरक्षण कोटा बढ़ा कर इस धारणा को और मजबूत किया है। इस समय नीतीश कुमार के अलग कदम पर उहापोह की स्थिति बनी हुई है, भाजपा और राजद स्वतंत्र पहल से इस वोट बैंक में अपना हिस्सा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।जननायक की जन्मतिथि को इस प्रयास के लिए उचित अवसर मान लिया गया है। जदयू ने पहले तय किया था कि वह सौवीं जन्मतिथि पर बड़ा कार्यक्रम करेगा, लेकिन कड़ाके की ठंड के नाम पर उसने कार्यक्रम टाल दिया। फिर दो जनवरी को जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने कहा कि समारोह पहले निर्धारित वेटनरी कॉलेज मैदान में ही होगा। बड़ी रैली होगी। जदयू की तैयारी शुरू हो गई।उधर, राजद ने भी पहले की तुलना में बड़े कार्यक्रम की तैयारी की। वह 22 जनवरी को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में कार्यक्रम करने जा रहा है।
मैदान में आई भाजपा
भाजपा पहली बार मैदान में उतर कर कर्परी के नाम पर समारोह आयोजित कर रही है। उसने वीरचंद पटेल पथ स्थित मिलर स्कूल मैदान के आरक्षण के लिए आवेदन दिया है। अगर अनुमति मिल जाती है तो भाजपा इसी मैदान में समारोह आयोजित करेगी। पार्टी के लिए इसमें थोड़ी कठिनाई इसलिए आ रही है कि उसके कार्यकर्ताओं को रामोत्सव में भी अपनी भूमिका निभानी पड़ रही है।ये भी पढ़ें- Bihar Politics: चुनाव से पहले Nitish Kumar की पार्टी को बड़ा झटका, इस नेता ने JDU से दिया इस्तीफा; BJP में हो सकते हैं शामिल
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