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Kartik Purnima 2024: क्यों मनाई जाती है कार्तिक पूर्णिमा, इस दिन किस चीज का करें दान? ज्योतिष आचार्य से जानें

कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को भरणी नक्षत्र के साथ वरीयान योग के संयोग में मनाई जाएगी। इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे मंदिरों में पूजा करेंगे और घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा करेंगे। कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से पापों का नाश होता है और गंगा स्नान से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

By prabhat ranjan Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 14 Nov 2024 03:30 PM (IST)
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कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व।
जागरण संवाददाता, पटना। कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, 15 नवंबर (Kartik Purnia 2024 Date) को भरणी नक्षत्र के साथ वरीयान योग के संयोग में मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) के दिन श्रद्धालु गंगा स्नान करने के साथ मंदिरों में पूजा कर घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा करेंगे। भारतीय संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक व आध्यात्मिक महात्म्य है।

वर्ष के 12 मास में कार्तिक मास आध्यात्मिक व शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु का पूजन करने से पापों का नाश होता है। इस दिन गंगा स्नान से शरीर में पापों का नाश व सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।

कार्तिक पूर्णिया को लेकर क्या है धार्मिक मान्यता?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान नारायण ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपना पहला मत्स्य अवतार लिया था। पूर्णिमा को भगवान विष्णु के निकट अखंड दीप दान करने से दिव्य कांति की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान के बाद दीप दान करने से यज्ञ करने के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

क्या दान करें?

इस दिन अन्न, धन, वस्त्र, घी आदि दान करने से पुण्य का फल मिलता है। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक मास की त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को अति पुष्करिणी कहा गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर पर स्नान करने वाले लोग पानी में गंगाजल और हाथ में कुश लेकर स्नान करें तो उससे भी गंगा स्नान का फल मिलता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपों से रोशन होंगे गंगा घाट

कार्तिक पूर्णिमा पर अनुमंडल के 55 घाटों पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए जुटेंगे। गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु गुरुवार से गंगा किनारे जुटने लगेंगे। गंगा स्नान के लिए गायघाट, भद्र घाट, महावीर घाट, खाजेकलां घाट, कंगन घाट, किला घाट व पीरदमरिया में अधिक भक्त जुटेंगे। कार्तिक पूर्णिमा पर विभिन्न गंगा घाटों पर शाम में आरती होगी।

श्री गुरु गोविंद सिंह घाट यानी कंगन घाट पर गंगा सेवा दल समन्वय समिति की ओर से देव दीपावली पर 25 हजार दीपों से घाट रौशन होगा। कंगन घाट पर बुधवार को अध्यक्ष डॉ. राजीव गंगौल, महासचिव राजेश शुक्ला टिल्लू, मनोज अठधरा, पप्पू पटेल, बमबम, विकास राज जायसवाल समेत अन्य ने बैठक कर रणनीति तय किया।

समिति के सदस्यों ने बताया कि मनोज भट्ट व हिमांशु गिरी द्वारा गंगा आरती होगी। गायघाट सेवा समिति के अध्यक्ष गंगाधर गिरी ने बताया कि गुरुवार को कार्तिक पूर्णिमा पर अखंड अष्टायम संकीर्तन आरंभ होगा।

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