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फिल्म नहीं हकीकत... करवा चौथ पर यहां पुरुष भी रखते हैं व्रत, इन परिवारों में सालों से चल रहा रिवाज

Karwa Chauth 2023 कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को जीवनसाथी की लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत रखना केवल महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि अब पुरुषों के लिए भी भावनात्मक तौर पर जरूरी होता जा रहा है। खासकर शादी जैसे रिश्ते में जहां पति-पत्नी दोनों की बराबरी की भूमिका होती है। मारवाड़ी एवं पंजाबी समाज में यह खासतौर पर देखा जाता है।

By test1 kumarEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 31 Oct 2023 07:30 PM (IST)
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श्रुति और अभिषेक की शादी की तस्‍वीर।

भावना प्रियदर्शिनी, पटना। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को जीवनसाथी की लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत रखना केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अब पुरुषों के लिए भी भावनात्मक तौर पर जरूरी होता जा रहा है। खासकर शादी जैसे रिश्ते में, जहां पति-पत्नी दोनों की बराबरी की भूमिका होती है।

मारवाड़ी एवं पंजाबी समाज में यह खासतौर पर देखा जाता है, जहां महिलाओं के साथ पुरुष भी जीवनसाथी के लिए करवाचौथ का व्रत रखते है।

सगाई के बाद से ही रखना शुरू किया व्रत

पहली बार पत्नी श्रुति के लिए करवाचौथ कर रहे अभिषेक बताते हैं कि जब पति पत्नी दोनों ही मिल कर घर संभालते हैं तो एक दूसरे के साथ प्यार, विश्वास बनाए रखने एवं लंबी आयु के लिए व्रत रखना भी दोनों की जिम्मेदारी है। श्रुति ने भी बताया कि सगाई के बाद ही व्रत रखना शुरू कर दिया था, ताकि प्यार और साथ बना रहे। 

पंजाबी परिवार के प्रकाश नंदा पत्नी संगीता नंदा के साथ तीस वर्षों से करवाचौथ का व्रत रख रहे हैं। उन्होंने कहा हमारा साथ जीवन भर बना रहे इसी सोच से पत्नी के साथ हर व्रत रखता हूं।

प्रकाश नंदा पत्नी संगीता नंदा के साथ

वहीं, तैंतीस वर्षों से करवाचौथ कर रहीं लायंस क्लब सेंटेनियल की अध्यक्ष सीता कानोडिया बताती हैं कि यह हमारे समाज का ऐसा त्योहार है, जहां खासकर महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु की व्रत रखती है, जिससे पति भी समान रूप से आधे-आधे पुण्य के हिस्सेदार हो जाते है।

करवा में गेहूं भर कर चीनी डालने से रिश्तों में आती है मिठास

महिलाओं द्वारा सुबह कथा सुनने के दौरान करवा में गेहूं भर कर ऊपर कटोरी में चीनी डाल कर हाथ घुमाने का चलन है, जिससे सुहाग बढ़ता है, जिसे कथा के बाद बड़ों को दे दिया जाता है।

इसके पीछे की मान्यता है कि इससे रिश्तों में मिठास आती है। दिन भर का व्रत रख कर शाम को चांद को देख अर्घ देना, आरती उतारना, भोग लगाना, फिर छन्नी से चांद को देखते हुए पति को देखना, पति को लंबी आयु प्रदान करता है साथ ही रिश्तों में निकटता आती है।

करवाचौथ में बाजार में छाई करवा, छन्नी, कलश, थाल सहित अन्य पूजन सामग्री

बाजार में भी करवाचौथ में इस्तेमाल की जाने वाली पूजन सामग्री छाई हुई है। सिमरन श्रृंगार के संतोष गुप्ता बताते है कि माल दिल्ली से सस्ते में लाई गई है। लोटकी, थाल और चन्नी का सेट 180 रुपये से लेकर 400 रुपये तक, छन्नी 50 रुपये से 200 रुपये तक बिक रही है।

विक्रेता मंटू बताते है कि माल कोलकाता से पटना सिटी आता है, जहां से खुदरा माल लाकर बाजार में 100 रुपये कलश, लोटकी 50 रुपये और करवा 60 रुपये भेज रहे हैं। अलग-अलग डिजाइन की छन्नी 60 रुपये से लेकर 300 रुपये तक बेची जा रही है।

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