KK Pathak: बिहार के स्कूलों को मिले 3445 करोड़ निविदा नहीं होने से हुए सरेंडर, केके पाठक ने लिया यह फैसला
Bihar Education News विगत तीन वर्षों में बिहार के विद्यालयों आधारभूत संरचना मद में आए 3445 करोड़ रुपए इस वजह से वापस हो गए कि ससमय पूरी प्रशासनिक व निविदा की प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया जा सका। इसी तरह स्कूलों में बच्चे फर्श पर बैठ रहे और फर्नीचर मद में उपलब्ध कराए गए 160 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए गए।
By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Prateek JainUpdated: Thu, 05 Oct 2023 08:54 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। विगत तीन वर्षों में बिहार के विद्यालयों के लिए आधारभूत संरचना मद में आए 3445 करोड़ रुपए इस वजह से वापस हो गए कि ससमय पूरी प्रशासनिक व निविदा की प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया जा सका।
इसी तरह स्कूलों में बच्चे फर्श पर बैठ रहे हैं और फर्नीचर मद में उपलब्ध कराए गए 160 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए गए। यह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के उस पत्र का मजमून है, जिसे उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भेजा है।
50 लाख के नीचे का काम के लिए यह होगी प्रक्रिया
इस पत्र के साथ यह जानकारी भी दी गई है कि विद्यालयों की आधारभूत संरचना व फर्नीचर आदि के इंतजाम के लिए जिला शिक्षा कार्यालय के अधीन एक अभियंत्रण कोषांग काम करेगा, जो 50 लाख रुपए तक की योजनाओं का अनुमोदन, निविदा प्रक्रिया व क्रियान्वयन को देखेगा। यह कोषांग जिलाधिकारी की देखरेख में काम करेगा।शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने यह निर्देश दिया है कि 50 लाख रुपए तक के निर्माण, मरम्मत संबंधी सभी कार्य जिला स्तर पर किए जाएंगे। इसकी तकनीकी व प्रशासनिक स्वीकृति जिला स्तर पर दी जाएगी।
अभियंत्रण कोषांग के तहत एक कनीय अभियंता स्तर के कर्मी, प्रत्येक तीन प्रखंड पर एक सहायक अभियंता स्तर के अभियंता तथा जिला स्तर पर एक कार्यपालक अभियंता उक्त कोषांग में तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारियों को यह कहा गया है कि 50 लाख तक की योजनाओं का अनुमोदन, निविदा व क्रियान्वयन वे अपने स्तर से कराएं।
50 लाख से अधिक की योजना होने पर विभाग को भेजी जाएगी फाइल
अगर योजना 50 लाख से अधिक की है, तभी उसे विभाग को भेजा जाए। यह भी कहा गया है कि उप विकास आयुक्त व जिला शिक्षा पदाधिकारी की बैठक बुलाकर विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण की कार्ययोजना बनाई जाए।
केके पाठक ने जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में यह कहा है कि विद्यार्थियों की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए हमें आकस्मिक उपाय अतिशीघ्र करने होंगे।इसमें विद्यालयों की मरम्मत, प्रीफैब स्ट्रक्चर का निर्माण तथा अर्धनिर्मित कमरों का निर्माण पूरा किया जाना शामिल है। सभी कार्यों की मूल क्रियान्वयन इकाई अब विद्यालय ही होगी।यह भी पढ़ें- भड़काऊ भाषण देने में UP के बाद बिहार के MP-MLA आगे, तेजस्वी यादव-गिरिराज सिंह समेत ये नेता लिस्ट में शामिल
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