KK Pathak: 'केके पाठक ने दी गाली...', विधान परिषद में उछला शिक्षा विभाग के ACS का मुद्दा; अब Video Clip की होगी जांच
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का मुद्दा इस बार बिहार विधान परिषद में उठा। एक पेन ड्राइव दिखाते हुए सदस्यों ने कहा कि इसमें केके पाठक को गाली देते सुना जा सकता है। वे उस वीडियो को सदन में प्रदर्शित किए जाने की मांग करने लगे। राजद के रामचंद्र पूर्वे ने शिक्षकों का अपमान बताते हुए कार्रवाई की मांग की।
राज्य ब्यूरो, पटना। सभापति देवेश चंद्र ठाकुर बुधवार को आसन पर पहुंचे नहीं कि विधान परिषद में सत्ता पक्ष की ओर से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का मुद्दा उछाल दिया गया। उसे विपक्ष का भी सुर मिल गया। पहली पाली में सदन का माहौल ऐसा बना कि जैसे पाठक से बड़ा कोई मुद्दा ही न हो। हस्तक्षेप पर भी सदस्य नहीं रुके और आसन तक वह वीडियो क्लिप पहुंचाई गई, जिसमें पाठक कथित तौर पर शिक्षकों को गाली दे रहे हैं।
सर्वाधिक आहत शिक्षक प्रतिनिधि दिखे और वे सदस्य भी, जिनके स्वजन शिक्षक हैं। सदस्यों के आग्रह और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी की सहमति से आसन ने निर्णय लिया कि उनके कक्ष में उस वीडियो को सुन-देख कर आगे का निर्णय लिया जाएगा। कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के संजय मयूख, जदयू के संजीव कुमार सिंह आदि केके पाठक का मामला उठा दिए।सत्ता पक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्कूलों के समय परिवर्तन का निर्देश दिया था। शाम में केके पाठक ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से अधिकारियों की बैठक ली। उस दौरान उन्होंने अभद्र व असंयमित शब्दों का प्रयोग किया। उससे शिक्षक समाज अपमानित व आहत है। पाठक पर कार्रवाई और उनकी बर्खास्तगी तक की मांग हो गई।
'केके पाठक को गाली देते हुए सुना जा सकता है'
एक पेन ड्राइव दिखाते हुए सदस्यों ने कहा कि इसमें केके पाठक को गाली देते सुना जा सकता है। वे उस वीडियो को सदन में प्रदर्शित किए जाने की मांग करने लगे। राजद के रामचंद्र पूर्वे ने शिक्षकों का अपमान बताते हुए कार्रवाई की मांग की। निर्दलीय महेश्वर सिंह, भाकपा के प्रो. संजय कुमार सिंह, भाजपा के शाहनवाज हुसैन, जीवन कुमार, हरि सहनी और जदयू की रीना देवी ने पाठक के वक्तव्य की आलोचना की।
जदयू के गुलाम गौस ने मानसिक रोगी बताते हुए रांची या आगरा में पाठक की जांच कराने का आग्रह किया। भाजपा के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का कहना था कि मेडिकल बोर्ड का गठन पाठक के मानसिक स्वास्थ्य की जांच हो जाए।
'सदन में वीडियो चलाकर गलत परंपरा की शुरुआत नहीं होनी चाहिए'
शाहनवाज सहित शिक्षा मंत्री ने कहा कि सदन में वीडियो चलाकर गलत परंपरा की शुरुआत नहीं होनी चाहिए। सभापति उस वीडियो को देख लें और सरकार को अवगत करवा दे। कार्रवाई अवश्य होगी। आसन पर भरोसा सभी सदस्यों को होना चाहिए। मुख्यमंत्री तो विधानसभा में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पूर्वाह्न 10 से शाम चार बजे तक ही विद्यालयों में पठन-पाठन होगा। शिक्षक अलबत्ता कुछ पहले, लगभग 09:45 बजे तक, पहुंचेंगे, ताकि कक्षाएं समय से संचालित हो सकें। तय हुआ कि सभापति, शिक्षा मंत्री, विपक्ष के प्रतिनिधि व सदन के वरीय सदस्यों की उपस्थिति में वीडियो का आकलन करने के बाद ही सरकार को कार्रवाई के लिए संस्तुति होगी।
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