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KK Pathak का शिक्षकों के लिए एक और फरमान; छुट्टी के लिए सिर्फ WhatsApp मैसेज से नहीं चलेगा काम

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों की छुट्टी को लेकर एक और फरमान दे दिया है। केके पाठक ने इस संबंध में जिला अधिकारियों को पत्र भी लिख दिया है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अधिसंख्य शिक्षक व्हाट्सएप पर अवकाश का आवेदन दे देते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। शिक्षक अपना आवेदन भौतिक रूप में दें।

By Arun AsheshEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 08:05 PM (IST)
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KK Pathak का शिक्षकों के लिए एक और फरमान; छुट्टी के लिए सिर्फ WhatsApp मैसेज से नहीं चलेगा काम
राज्य ब्यूरो, पटना। अब व्हाट्सएप पर शिक्षकों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सख्त हिदायत दी है कि मॉनिटरिंग की व्यवस्था और मजबूत करें।

पत्र में कहा गया है कि स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अधिसंख्य शिक्षक व्हाट्सएप पर अवकाश का आवेदन दे देते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। शिक्षक अपना आवेदन भौतिक रूप में दें, ताकि निरीक्षी पदाधिकारी देख सकें कि आवेदन किस तारीख को दिया गया है। किस तारीख को स्वीकृत और अग्रसारित किया गया है।

स्कूलों में निरीक्षण की प्रक्रिया भी बदलेगी

पत्र में स्कूलों के निरीक्षण की प्रक्रिया बदलने का भी आदेश दिया गया है, क्योंकि पता चला है कि निरीक्षण होने के बाद दो-तीन बजे के बीच शिक्षक नदारद हो जाते हैं। कई बार ऐसा भी हुआ कि जब शिक्षक भाग रहे थे, उसी समय निरीक्षण टीम भी पहुंच गई। शिक्षकों में यह प्रवृति इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि निरीक्षण दिन में एक बार ही होगा।

केके पाठक ने तय की दो श्रेणी

पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों की नदारद होने वाली प्रवृति को देखते हुए निरीक्षण की प्रक्रिया को औचक बनाया जाए। इसके लिए निरीक्षण को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करने का आदेश दिया गया है। नौ से 12 बजे के बीच निरीक्षण वाले स्कूलों को पहली श्रेणी में रखा गया है।

दूसरी श्रेणी में दो से पांच बजे और तीसरी श्रेणी के स्कूलों में इन दोनों पालियों में निरीक्षण का आदेश दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों एवं कर्मियों के बीच यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि निरीक्षण टीम किसी भी समय पहुंच सकती है। निरीक्षण के राेस्टर को मासिक के बदले साप्ताहिक बनाने का आदेश दिया गया है, ताकि शिक्षक और कर्मी सतर्क रहें।

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